Casting Couch: कास्टिंग काउच को लेकर एक्ट्रेस की जुबां पर आई सीधी बात, इस फिल्म में दिखी थी तुषार कपूर के साथ
Advertisement
trendingNow11542649

Casting Couch: कास्टिंग काउच को लेकर एक्ट्रेस की जुबां पर आई सीधी बात, इस फिल्म में दिखी थी तुषार कपूर के साथ

Bollywood Casting Couch: सीरत कपूर 2011 में इम्तियाज अली की रणबीर कपूर स्टारर रॉकस्टार में असिस्टेंट कोरियोग्राफर थीं. 2014 में उन्हें निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने अपनी फिल्म जिद में एक रोल दिया था. फिर वह तेलुगु इंडस्ट्री में चली गईं. हाल में वह एक बार फिर बॉलीवुड में सक्रिय हुईं.

 

Casting Couch: कास्टिंग काउच को लेकर एक्ट्रेस की जुबां पर आई सीधी बात, इस फिल्म में दिखी थी तुषार कपूर के साथ

Seerat Kapoor In Bollywood: बीते बरस के आखिरी दिनों में क्राइम थ्रिलर मारीच (Maarrich) में तुषार कपूर (Tusshar Kapoor) और नसीरूद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) के साथ नजर आईं, सीरत कपूर एक बार फिर बॉलीवुड में सक्रिय हो चुकी हैं. हाल में उन्होंने तेलुगु प्रोड्यूसर दिल राजू की एक महिला प्रधान फिल्म साइन की है. 2014 में निर्देशक विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) की फिल्म जिद में एक छोटी मगर अहम भूमिका निभाने के बाद सीरत 2022 में बॉलीवुड में लौटीं. अग्निहोत्री की फिल्म के बाद वह साउथ चली गई थीं और वहां तेलुगु फिल्मों में काम कर रही थीं. उनकी करीब आठ तेलुग फिल्में रिलीज हुईं और वह साउथ में जाना-पहचाना नाम हैं.

क्या करें लड़कियां...
अपने लंबे करियर में सीरत कपूर को अलग-अलग तरह के अनुभव हुए हैं. हाल में एक बातचीत में उन्होंने फिल्मों में कास्टिंग काउच के अस्तित्व से भी इंकार नहीं किया. सीरत कपूर ने कहा इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच के अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता है. हालांकि उन्होंने साफ कहा कि मेरा मानना है इसे नियंत्रित करना उसके हाथ में होता है, जिसे ऐसा ऑफर मिलता है. सीरत ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में आप खुद को और सिचुएशन को कैसे हैंडल हैं, उस पर सब कुछ निर्भर करता है. फिल्मों में स्ट्रगल कर रही लड़कियों को जागरूक होना चाहिए और किसी स्थिति में झुकना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को सही फैसला लेना चाहिए.

भेदभाव है इंसानी फितरत
फिल्म में इंडस्ट्री में नेपोटिज्म और बाहर से आने वाले एक्टरों तथा पुरुष तथा महिला एक्टरों से भेदभाव वाले मामलों पर वह कहती हैं कि मुझे इस मामले में ज्यादा समझ नहीं है क्योंकि में ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देती. मेरा ध्यान हमेशा खुद को और अपनी एक्टिंग को सुधारने पर रहता है. दूसरे क्या कह रहे हैं या क्या कर रहे हैं, इसके बारे में सोचने में समय बर्बाद करने के बजाय, मैं खुद में अभिनेत्री रूप में खुद को कैसे पॉलिश कर सकती हूं, इस पर फोकस करती हूं. उन्होंने कहा कि भेदभाव जैसी बातें, इंसानी जीवन का एक हिस्सा है. फिल्मों में भी यह होता है, कई बार इसका जीवन पर बुरा असर भी पड़ता है. परंतु बेहतर है कि हम कहीं रुकने के बजाय लगातार आगे बढ़ते रहें.

भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - अब किसी और की ज़रूरत नहीं

 

Trending news