Study Abroad: विदेश में बनाना है करियर, तो 11वीं में मन लगाकर पढ़ें, जानिए कैसे इसके आधार पर वहां मिलेगा एडमिशन
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Study Abroad: विदेश में बनाना है करियर, तो 11वीं में मन लगाकर पढ़ें, जानिए कैसे इसके आधार पर वहां मिलेगा एडमिशन

Study Abroad: आज जानेंगे कि क्या 11वीं में बेहतर स्कोर किसी भी विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन पाने में मददगार हो सकते हैं या इसमें कम नंबर बाधा डाल सकते है और 11वीं के छात्र स्कॉलरशिप के पात्र हो सकते हैं या नहीं.

Study Abroad: विदेश में बनाना है करियर, तो 11वीं में मन लगाकर पढ़ें, जानिए कैसे इसके आधार पर वहां मिलेगा एडमिशन

Study Abroad After 11th: हजारों की संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स हर साल दुनिया के दूसरे कई देशों में पढ़ने के लिए जाते हैं. ज्यादातर लोगों का यह मानना है कि विदेश में पढ़ाई करके शानदार करियर बन जाता है और लाइफटाइम अच्छी कमाई करना आसान हो जाता है. बहुत हद तक यह बात सही भी है.

ऐसे में जो स्कूली छात्र आगे की पढ़ाई विदेश में करने का सपना देख रहे हैं, उनके लिए कुछ अहम बातें अभी से जान लेना जरूरी है. आज हम इस आर्टिकल के जरिए ऐसे ही कुछ जरूरी सवालों का जवाब लेकर आए हैं. वहीं, यह भी जानेंगे कि कक्षा 11वीं के नंबर आपकी विदेश में पढ़ने की इच्छा को किस तरह से प्रभावित कर सकते हैं. 

जानिए क्या कहना हैं एक्सपर्ट्स का 
एक्सपर्ट्स का कहना है कि विदेशों में पढ़ाई के लिए होने वाली प्रवेश प्रक्रिया में 11वीं क्लास के अंक भी मायने रखते है, लेकिन कोई भी यूनिवर्सिटी छात्रों के सिलेक्शन के लिए केवल यही 11वीं के नंबर नहीं देखती. जिनका एकेडमिक्स में लगातार अच्छा प्रदर्शन होता है, यूनिवर्सिटी को ऐसे स्टूडेंट्स की तलाश रहती है. ऐसे में जो स्टूडेंट्स 12वीं कक्षा अच्छा स्कोर करते हैं, उनके पास विदेश में किसी विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के बेहतर और ज्यादा मौके हो सकते हैं. वहीं, विदेश की बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी इंडियन स्टूडेंट्स को एडमिशन देने के लिए कई और पहलुओं पर भी विचार करती हैं.

इस स्थिति में देखे जाते हैं 11वीं के मार्क्स
एक्सपर्ट्स के मुताबिक कुछ मामलों में 11वीं के मार्क्स को 12वीं के मार्क्स से ज्यादा वेटेज दिया जाता है, क्योंकि 11वीं के सिलेबस में ऐसे सब्जेक्ट्स की पढ़ाई होती है जो विदेशी यूनिवर्सिटी में पेश किए जाने वाले प्रोग्राम्स के लिए प्रासंगिक होते हैं.

ऐसे में विदेश में पढ़ने की ख्वाहिश रखने वाले छात्रों को 11वीं कक्षा में अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए, उनके पास विदेशी विश्वविद्यालय में दाखिला पाने का यह बेहतर मौका हो सकता है. प्रवेश प्रक्रिया के अलावा स्कॉलरशिप के लिए भी 11वीं के नंबर अहम हो सकते हैं. कई यूनिवर्सिटी शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर स्कॉलरशिप देती हैं. 

11वीं में मन लगाकर करें पढ़ाई
इससे क्लियर है कि विदेश में अच्छी यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहते हैं तो 11वीं से ही मेहनत करनी होगी. हो सकता है कि इसके नंबर से एडमिशन पर फर्क ना पड़े, लेकिन आपको स्कॉलरशिप तो मिल सकती है, ताकि वहां आप अपनी पढ़ाई का खर्च खुद उठा पाएं.

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