IAS-IPS Family: घर में 4 भाई-बहन और चारों ही IAS-IPS, पढ़िए अफसर फैमिली की कहानी
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IAS-IPS Family: घर में 4 भाई-बहन और चारों ही IAS-IPS, पढ़िए अफसर फैमिली की कहानी

Success Story: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के छोटे से कस्बे लालगंज के रहने वाले तीन भाई-बहन आईएएस अधिकारी हैं जबकि एक आईपीएस अधिकारी है.

IAS-IPS Family: घर में 4 भाई-बहन और चारों ही IAS-IPS, पढ़िए अफसर फैमिली की कहानी

IAS IPS Family Success Story: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के चार भाई-बहनों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में सिविल सेवकों के रूप में अपनी पहचान बनाई है. वे सभी IAS और IPS अधिकारी हैं जो गर्व और समर्पण के साथ देश की सेवा करते हैं. उनकी कहानी उनके जिले में सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, खासकर उन बच्चों के लिए जो उनकी ओर देखते हैं. वे प्रतापगढ़ के लालगंज के एक छोटे से शहर से हैं और उन्होंने वहीं से अपनी शिक्षा पूरी की है. 2013 में यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करने वाले पहले योगेश मिश्रा थे, जो आईएएस अधिकारी बने. उनकी बहन माधवी मिश्रा ने उनके नक्शेकदम पर चलते हुए 2015 में IAS ज्वाइन किया.

सबसे बड़ी बहन क्षमा मिश्रा ने 2016 में अपने चौथे प्रयास में परीक्षा पास की और आईपीएस अधिकारी बनीं. सबसे छोटे भाई लोकेश मिश्रा ने भी आईएएस अधिकारी बनने का सपना साकार किया.

क्षमा मिश्रा वर्तमान में राज्य पुलिस लाइन बैंगलोर के कमांडेंट के रूप में तैनात हैं. योगेश मिश्रा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में आईएएस अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. माधवी मिश्रा झारखंड के रामगढ़ जिले में उपायुक्त के पद पर कार्यरत हैं. लोकेश मिश्रा भी झारखंड के कोडरमा जिले में डीसीसी के पद पर तैनात हैं.

क्षमा मिश्रा एक मेधावी छात्रा थीं जिन्होंने हाई स्कूल और इंटर की परीक्षा में जिले में टॉप किया और राज्य में छठा स्थान प्राप्त किया. लालगंज के एक कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी की. माधवी मिश्रा ने भी इसी कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद प्रयागराज से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. उन्होंने 2014 में यूपीएससी परीक्षा पास की और आईएएस अधिकारी के रूप में झारखंड कैडर में शामिल हुईं.

आज चारों भाई-बहन भले ही अधिकारी हों लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई लालगंज के लीलावती और राम अजोर इंटर कॉलेज से पूरी की. आईपीएस क्षमा मिश्रा ने इंटर और हाईस्कूल में जिले में टॉप किया और प्रदेश में छठा स्थान हासिल किया. चारों भाई-बहनों ने इतनी ऊंचाई हासिल की है कि वे दूसरों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं. पिता अनिल मिश्रा भी मानते हैं कि यह उनकी मेहनत का नतीजा है.

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