Earthquake in Delhi NCR: पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं.
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Delhi NCR Earthquakes Today: दिल्ली एनसीआर में 4.0 की तीव्रता का भूकंप आया है. यह भूकंप इतना तेज था कि बेड से लेकर खिड़की तक सब हिलने लगे. बहुत सालों बाद दिल्ली-एनसीआर में इतना तेज भूकंप महसूस किया गया है. अब तक इस भूकंप में किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम समेत अलग-अलग इलाकों में भूकंप के झटके महसूस हुए.दिल्ली-एनसीआर में यह भूकंप करीब 5 बजकर 30 मिनट पर आया. कई सकेंड तक धरती हिलती रही.
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
कब लाता है कितनी तबाही?
रिक्टर स्केल पर जब 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप होता है तो सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
जब रिक्टर स्केल पर 2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप होता है तो हल्का कंपन होता है.
रिक्टर स्केल पर जब 3 से 3.9 की तीव्रता होती है तो ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए.
4 से 4.9 की तीव्रता जब रिक्टर स्केल पर होती है तो भूकंप से खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं.
रिक्टर स्केल पर जब तीव्रता 5 से 5.9 की होती है तो घर का फर्नीचर हिल सकता है.
6 से 6.9 की तीव्रता का भूकंप जब आता है तो इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
रिक्टर स्केल पर जब 7 से 7.9 की तीव्रता का भूकंप आता है तो इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं.
8 से 8.9 की तीव्रता अगर रिक्टर स्केल पर भूकंप की होती है तो इस तरह के भूकंप में इमारतों समेत बड़े पुल भी गिर जाते हैं. सुनामी का खतरा होता है.
9 और उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही आ सकती है. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी.
भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है.