National Council for Teacher Education: नया एक साल का एमएड प्रोग्राम फुल-टाइम, रेगुलर कोर्स होगा. वहीं, मौजूदा दो साल का एमएड प्रोग्राम वर्किंग प्रोफेशनल्स, जैसे टीचर्स और एजुकेशन लीडर्स के लिए उपलब्ध रहेगा
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BEd Entrance exams 2025: नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने टीचर एजुकेशन में एक बड़ा बदलाव करते हुए एक साल के बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) और मास्टर ऑफ एजुकेशन (एमएड) प्रोग्राम फिर से शुरू करने का फैसला किया है. ये कोर्स 2026-27 के एकेडमिक सेशन से शुरू होंगे. हालांकि, सभी ग्रेजुएट एक साल के बीएड प्रोग्राम के लिए योग्य नहीं होंगे, क्योंकि एनसीटीई ने कुछ खास शर्तें रखी हैं.
एक साल के बीएड और एमएड कोर्स कब से शुरू होंगे?
एनसीटीई ने फाइनल कर दिया है कि एक साल के बीएड और एमएड कोर्स 2026-27 के एकेडमिक सेशन से शुरू हो जाएंगे. 2026 में बीएड और एमएड में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के पास एक साल वाले प्रोग्राम चुनने का ऑप्शन होगा.
एक साल का एमएड कोर्स क्यों शुरू किया गया?
नया एक साल का एमएड प्रोग्राम फुल-टाइम, रेगुलर कोर्स होगा. वहीं, मौजूदा दो साल का एमएड प्रोग्राम वर्किंग प्रोफेशनल्स, जैसे टीचर्स और एजुकेशन लीडर्स के लिए उपलब्ध रहेगा जो अपनी नौकरी के साथ-साथ एमएड पूरा करना चाहते हैं.
एनसीटीई के मुताबिक, 2015 में शुरू किया गया दो साल का एमएड प्रोग्राम टीचर ट्रेनिंग पर उतना असर नहीं डाल पाया जितना सोचा गया था. स्टूडेंट्स की दिलचस्पी प्रोग्राम में कम रही, जिसके चलते कई संस्थानों में सीटें खाली रह गईं. इसके अलावा, जरूरी करिकुलम सुधार भी ठीक से नहीं हो पाए. रिवाइज्ड एक साल के एमएड करिकुलम में रिसर्च और प्रैक्टिकल कम्युनिटी एंगेजमेंट के काम शामिल होंगे.
एक साल के बीएड में कौन अप्लाई कर सकता है?
एक साल के बीएड कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवारों को कुछ खास शैक्षणिक योग्यताएं पूरी करनी होंगी.
कैंडिडेट्स ने चार साल का अंडरग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम पूरा किया हो.
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जिन्होंने तीन साल का अंडरग्रेजुएट डिग्री पूरा किया है, उनके पास पोस्टग्रेजुएट (मास्टर) डिग्री भी होनी चाहिए.
जिन उम्मीदवारों के पास बिना पोस्टग्रेजुएट योग्यता के सिर्फ तीन साल की बैचलर डिग्री है, वे एक साल के बीएड प्रोग्राम के लिए योग्य नहीं होंगे और उन्हें मौजूदा दो साल का बीएड कोर्स ही करना होगा.
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