मां थी कैंसर पेशेंट, पढ़ाई छोड़कर की देखभाल, सपना था दादा की तरह अफसर बने बेटा, अब IPS निपुण अग्रवाल को मिला गैलेंट्री अवॉर्ड
Advertisement
trendingNow12618375

मां थी कैंसर पेशेंट, पढ़ाई छोड़कर की देखभाल, सपना था दादा की तरह अफसर बने बेटा, अब IPS निपुण अग्रवाल को मिला गैलेंट्री अवॉर्ड

IPS Story: परिवार में लगातार आ रही कठिनाइयों के बावजूद निपुण ने हार नहीं मानी और अपने सपने को मरने नहीं दिया. साल 2016 में UPSC परीक्षा में 197वीं रैंक हासिल करके IPS बने ऑफिसर बने और इस साल उन्हें गैलेंट्री अवॉर्ड के लिए चुना गया...

मां थी कैंसर पेशेंट, पढ़ाई छोड़कर की देखभाल, सपना था दादा की तरह अफसर बने बेटा, अब IPS निपुण अग्रवाल को मिला गैलेंट्री अवॉर्ड

IPS Nipun Agarwal Success Story: IPS निपुण अग्रवाल का जीवन संघर्ष और प्रेरणा की अद्भुत कहानी है. बचपन में मां का सपना और दादा के किस्सों ने उनके भीतर बड़े अफसर बनने की चाह जगा दी. हालांकि, उनकी सफलता का यह सफर आसान नहीं था. मां की बीमारी, घर की जिम्मेदारियों और व्यक्तिगत संघर्षों के बावजूद उन्होंने खुद को टूटने नहीं दिया...

बचपन में दादा से मिली प्रेरणा
लखनऊ के अलीगंज में जन्मे निपुण अग्रवाल का परिवार एक शिक्षित और सम्मानित पृष्ठभूमि से आता है. उनके दादा प्रेम प्रकाश अग्रवाल IRS अधिकारी थे, जिनके काम और किस्सों ने निपुण को प्रेरित किया. उनकी मां शशि अग्रवाल ने बचपन से ही उनके मन में यह विश्वास भर दिया था कि वे एक दिन दादा की तरह बड़े अधिकारी बनेंगे.

मां की बीमारी और पढ़ाई में बाधा
12वीं में पढ़ाई के दौरान निपुण की मां को कैंसर होने की खबर आई. इसके बाद उन्हें दो साल तक पढ़ाई से ब्रेक लेना पड़ा. परिवार की जिम्मेदारियां और मां की देखभाल उनकी प्राथमिकता बन गई. मां के इलाज के दौरान ही उनके पिता को हार्ट अटैक आया, जिससे परिवार की स्थिति और गंभीर हो गई. हालांकि, इन कठिनाइयों के बावजूद निपुण ने अपने सपने को मरने नहीं दिया.

बीटेक से आईपीएस बनने का सफर
मां की तबीयत में सुधार होने के बाद निपुण ने JP कॉलेज नोएडा से 2005 में कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई शुरू की. बीटेक के दौरान ही उनकी मां का निधन हो गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 2009 में डिग्री पूरी की. टीसीएस कंपनी में नौकरी के अच्छे ऑफर को ठुकराकर उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की.

सरकारी नौकरियों को ठुकराया
निपुण को 2014 में सेंट्रल एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर की नौकरी मिली, लेकिन उन्होंने पढ़ाई के लिए दिन में नौकरी और रात में तैयारी जारी रखी. इसके बाद IB में भी नौकरी का ऑफर आया, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. छठे प्रयास में 2016 में 197वीं रैंक हासिल करके UPSC परीक्षा पास की और अपने होम कैडर यूपी में IPS अफसर बने.

सुरक्षा से लेकर एनकाउंटर तक का जिम्मा
निपुण की पहली पोस्टिंग अलीगढ़ में हुई, जिसके बाद उन्होंने अयोध्या में ASP रहते हुए राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था संभाली. सुप्रीम कोर्ट के बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसले के समय और 2020 में राम मंदिर भूमि पूजन के दौरान उन्होंने सुरक्षा का जिम्मा संभालकर अपनी काबिलियत साबित की.

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट का तमगा
2022 में गाजियाबाद के एसपी सिटी रहते हुए निपुण ने कई खतरनाक माफियाओं और अपराधियों का सफाया किया. इनमें 50 हजार के इनामी राकेश दुजाना का एनकाउंटर और गैंगस्टर लक्ष्य तंवर की संपत्ति जब्त करना शामिल है. 52 एनकाउंटर और कई बड़े अपराधियों को जेल भेजने का श्रेय उनके खाते में है.

गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित
अपने सात साल के पुलिस करियर में निपुण अग्रवाल ने कई जिम्मेदारियां संभालीं. 2025 में उन्हें गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. लखनऊ में पुलिस उपायुक्त के पद पर तैनात निपुण अग्रवाल युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं.

Trending news