Accountant Vs Actuary: एक्चुअरी और अकाउंटेंट में सबसे बेसिक फर्क है कि अकाउंटेंट किसी कंपनी या फर्म के पुराने वित्तीय लेनदेन का हिसाब-किताब रखता है. जबकि, एक्चुअरी स्टैटिक्स मॉडल के जरिए फ्यूचर फाइनेंशियल पोजिशन का अनुमान लगाता है.
Trending Photos
Accountant Vs Actuary: अकाउंट और एक्चुअरी को लेकर लोगों में अक्सर काफी कन्फ्यूजन रहता है. बहुत से युवा इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि दोनों में से कौन सा बेहतर प्रोफेशन है. जो युवा इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह बहुत ही काम का आर्टिल है. आज हम बात करेंगे कि दोनों का काम क्या है, जिसके बात आप यह तय कर सकेंगे कि दोनों में से कौन सा प्रोफेशन बेहतर है.
पहले जानें क्या होता है एक्चुअरी
एक्चुअरी बिजनेस रिस्क के फाइनेंशियल रिजल्ट्स का एनालिसिस करते हैं. ये बिजनेस, मैथमेटिक्स, स्टैटिक्स और इकोनॉमिक्स के स्पेशलिस्ट होते हैं और कंपनियों के लिए प्रत्याशित परिस्थितियों, बीमा और सुरक्षा को लेकर फाइनेंशियल रोडमैप प्लान करते हैं. एक्चुअरी स्टैटिक्स के आधार पर काम करते हैं, इसलिए इन्हें डेटा एनालिटिक्स में स्पेशलिस्ट होना जरूरी है. एक्चुअरी बीमा कंपनियों और इवेस्टमेंट बैंकों के लिए काम करते हैं.
अब जानें क्या होता है अकाउंटेंट का काम?
अकांटेंट का काम किसी कंपनी या फर्म के मौद्रिक लेनदेन का रिकॉर्ड देखते हैं. इनका मुख्य काम कंपनी या फर्म के अकॉउंट्स को ऑडिट करना, फाइनेंशियल रिपोर्ट्स एनालाइज करना, सलाह देना आदि होता है.
एक ही इन्फॉर्मेशन सेट के साथ करते हैं काम
एक्चुअरी और अकाउंटेंट दोनों एक ही इन्फॉर्मेशन सेट के आधार पर अपना काम करते हैं. फैक्ट्स तैयार करने के साथ ही फाइनेंशियल डेटा को भी हैंडिल करते हैं. हालांकि, एक्चुअरी और अकाउंटेंट दोनों अलग-अलग उद्देश्य के लिए और अलग-अलग बिजनेस वर्क करते हैं.
एक्चुअरी बनने के लिए योग्यता
एक्चुअरी बनने के लिए 12वीं पास करने के बाद एक्चुअरियल साइंस में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन करना होता है. इसमें युवा बीएससी एक्चुअरियल साइंस, एक्चुअरियल साइंस में पीजी डिप्लोमा और एमएससी एक्चुअरियल साइंस या एक्चुअरियल साइंस में एमबीए कोर्स करके अपना करियर बना सकते हैं.
अकांटेंट बनने के लिए योग्यता
अकाउंटेंट बनने के लिए भी सबसे पहले 12वीं कॉमर्स से पास करना होगा. इसके बाद बीकॉम के बाद कम से कम छह महीने के लिए किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट को जॉइन करना होगा. कॉमर्स में डिग्री के बिना आप सीए के पास काम नहीं सीख सकते.
इतनी है सैलरी
भारत में एक्चुअरी की सैलरी एवरेज 60 हजार रुपये महीना है. रेंज की बात करें तो यह 22,290 से 1.5 लाख रुपये महीने तक है. वही, अकाउंटेंट की सैलरी एवरेज 3,94,000 रुपये सालाना है.