लगातार दूसरे महीने राहत, अगस्त में पस्त हुई थोक महंगाई, ये चीजें हुई सस्ती
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लगातार दूसरे महीने राहत, अगस्त में पस्त हुई थोक महंगाई, ये चीजें हुई सस्ती

महंगाई के मोर्चे पर एक बार फिर से राहत भरी खबर आई है. अगस्त में थोक महंगाई दर फिर से गिर गई है.  सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन के सस्ते होने से थोक महंगाई दर में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई है. अगस्त महीने में थोक महंगाई दर 1.31 प्रतिशत रही.

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Wholesale Price Index: महंगाई के मोर्चे पर एक बार फिर से राहत भरी खबर आई है. अगस्त में थोक महंगाई दर फिर से गिर गई है.  सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन के सस्ते होने से थोक महंगाई दर में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई है. अगस्त महीने में थोक महंगाई दर 1.31 प्रतिशत रही. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए गए, जिसके मुताबिक अगस्त में थोक महंगाई दर 1.31 फीसदी रही, जो जुलाई में 2.04 प्रतिशत थी.  

महंगाई से राहत  

थोक मुद्रास्फीति में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई है.  सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन के सस्ते होने से थोक मुद्रास्फीति में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई और अगस्त में यह 1.31 प्रतिशत रही. मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में जुलाई में 2.04 प्रतिशत थी. अगस्त 2023 में यह (-) 0.46 प्रतिशत रही थी. उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा अगस्त 2024 में खाद्य पदार्थों, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, कपड़ा विनिर्माण तथा मशीनरी और उपकरण आदि के विनिर्माण की कीमतों में वृद्धि हुई. 

आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अगस्त में 3.11 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 3.45 प्रतिशत थी. सब्जियों की कीमतों में अगस्त में 10.01 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि जुलाई में यह 8.93 प्रतिशत थी. आलू और प्याज की मुद्रास्फीति अगस्त में क्रमश: 77.96 प्रतिशत और 65.75 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही.

 ईंधन और बिजली श्रेणी में मुद्रास्फीति जुलाई में 1.72 प्रतिशत के मुकाबले अगस्त में 0.67 प्रतिशत रही. पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण अगस्त में 3.65 प्रतिशत रही. यह जुलाई के 3.60 प्रतिशत से अधिक है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है. आरबीआई ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था. 

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