RBI MPC Meeting: फाइनेंशियल ईयर 2024-25 शुरू होने से पहले आप जान लें कि इस साल आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी (RBI MPC Meeting) की मीटिंग कब-कब करने वाला है. आरबीआई की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई है.
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RBI MPC Meeting Schedule 2024: रिजर्व बैंक (Reserve Bank) की तरफ से हर 2 महीने पर ब्याज दरों की समीक्षा की जाती है. फाइनेंशियल ईयर 2024-25 शुरू होने से पहले आप जान लें कि इस साल आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी (RBI MPC Meeting) की मीटिंग कब-कब करने वाला है. आरबीआई की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई है. अधिकारिक जानकारी के मुताबिक, नए वित्त वर्ष की पहली मीटिंग 3 से 5 अप्रैल तक होगी.
हर साल आरबीआई 6 एमपीसी की बैठक करता है. इसमें रेपो रेट्स में कटौती, बढ़तरी या स्थिर रखा जाता है. इस रेपो रेट्स के जरिए ही आम जनता की ईएमआई की कॉस्ट भी बढ़ती या घटती है.
केंद्रीय रिजर्व बैंक ने FY2024-25 के लिए MPC Meetings का शेड्यूल जारी कर दिया है.
>> 3-5 अप्रैल, 2024
>> 5-7 जून, 2024
>> 6-8 अगस्त, 2024
>> 7-9 अक्टूबर, 2024
>> 4-6 दिसंबर, 2024
>> 5-7 फरवरी, 2025
फरवरी में हुई थी आखिरी बैठक
फरवरी में एमपीसी की बैठक हुई थी, जिसमें रिजर्व बैंक ने लगातार छठी बार रेपो रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया था. इस समय रेपो रेट्स 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा गया था. एमपीसी की फरवरी वाली बैठक में 6 में से 5 सदस्य ब्याज दरों में बदलाव के पक्ष में नहीं थे.
क्या होता है Repo Rate ?
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर भारत का केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) कमर्शियल बैंकों को लोन देता है. इसी के आधार पर लोन लेने वालों की ईएमआई तय की जाती है. रेपो रेट्स बढ़ने पर बैंक लोन की ब्याज दरों में इजाफा कर देते हैं. वहीं, रेपो रेट्स घटने पर बैंक लोन की ब्याज दरों में कटौती कर देते हैं.
रेपो रेट में क्यों होता है बदलाव ?
बता दें कि रिजर्व बैंक महंगाई को नियंत्रण में करने के लिए ब्याज दरों में इजाफा और कटौती करता है. यह मुद्रास्फीति ही है, जिसे थामने के लिए सारी दुनिया के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी या कटौती करते रहते हैं.