Reliance ने ब्याज पर उठाए इतने करोड़ रुपये, आखिर क्यों पड़ी इसकी जरूरत?
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Reliance ने ब्याज पर उठाए इतने करोड़ रुपये, आखिर क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

Reliance Money: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि कंपनी के 10-साल के बॉन्ड 7.79 प्रतिशत ब्याज पर बेचे गए. कंपनी ने कहा कि कंपनी ने आज निजी नियोजन आधार पर जारी किए गए 1,00,000 रुपये अंकित मूल्य के 20,00,000 सुरक्षित, विमोच्य, गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी किए हैं.

Reliance ने ब्याज पर उठाए इतने करोड़ रुपये, आखिर क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

Reliance Money: मुकेश अंबानी देश के सबसे अमीर शख्स हैं. वहीं दुनिया में भी वो टॉप अमीर लोगों में शामिल है. दुनिया के सबसे ज्यादा अमीर लोगों की लिस्ट में मुकेश अंबानी का नाम टॉप 15 में शामिल है. मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन है. अब रिलायंस की ओर से करोड़ों रुपये जुटाए गए हैं. इसको लेकर अब जानकारी भी सामने आ गई है.

20000 करोड़ रुपये जुटाए

रिलायंस की ओर से ब्याज पर ये रुपये उठाए गए हैं. इसके साथ ही ये भी सामने आया है कि ये ब्याज दर काफी अधिक है. दरअसल, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बॉन्ड जारी कर 7.79 प्रतिशत ब्याज पर 20,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं. किसी गैर-वित्तीय भारतीय कंपनी का यह सबसे बड़ा बॉन्ड निर्गम है. कंपनी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

ब्याज दर सरकार की उधारी लागत से ज्यादा

कूपन यानी ब्याज दर सरकार की उधारी लागत से 0.4 प्रतिशत अधिक है. ऐसे में यह ब्याज दर भी रिलायंस के लिए काफी ज्यादा है. वहीं ये बॉन्ड 10 साल के लिए है. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि कंपनी के 10-साल के बॉन्ड 7.79 प्रतिशत ब्याज पर बेचे गए. कंपनी ने कहा, ‘‘कंपनी ने आज निजी नियोजन आधार पर जारी किए गए 1,00,000 रुपये अंकित मूल्य के 20,00,000 सुरक्षित, विमोच्य, गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी किए हैं.’’

बोलियां प्राप्त हुईं

निर्गम का मूल आकार 10,000 करोड़ रुपये था. इसमें अधिक बोली आने पर 10,000 करोड़ रुपये तक और बढ़ाने का विकल्प भी रखा गया था. इस सप्ताह की शुरुआत में कंपनी के बॉन्ड निर्गम को 27,115 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुईं. इसमें बीमा कंपनियों की प्रमुख रुचि दिखी थी. इस राशि में से उसने 20,000 करोड़ रुपये अपने पास रख लिए थे. रिलायंस की योजना एनसीडी को बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कराने की है. (इनपुट: भाषा)

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