Inflation Forecast: केंद्रीय बैंक ने चौथी मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया। दूसरी तरफ आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा.
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RBI Forecast for GDP: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिये इकोनॉमिक ग्रोथ रेट के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया. आरबीआई (RBI) ने विभिन्न देशों में मौद्रिक नीति को आक्रामक रूप से कड़ा करने और मांग में नरमी का हवाला देते हुए यह कदम उठाया. चालू वित्त वर्ष की पांचवीं मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि केंद्रीय बैंक देश को लगातार वृद्धि के रास्ते पर रखने को लेकर कीमत स्थिरता के लिये प्रतिबद्ध है.
अप्रैल में भी GDP ग्रोथ रेट का अनुमान घटाया
मौजूदा फाइनेंशियल ईयर 2022-23 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी (GDP) यानी स्थिर मूल्यों पर आधारित सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत रही थी. दास ने अगाह किया, 'हम कोविड महामारी संकट, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर में आक्रामक वृद्धि के कारण उत्पन्न नये ‘तूफान’ का सामना कर रहे हैं.' इससे पहले रिजर्व बैंक ने अप्रैल में 2022-23 के लिये GDP ग्रोथ रेट के अनुमान को 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत किया था.
रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा
दूसरी तरफ रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में करने के लिए रेपो रेट में फिर से इजाफा किया है। केंद्रीय बैंक की तरफ से चौथी मॉनेटरी पॉलिसी (Monetary Policy) में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया है। दूसरी तरफ आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति का असर घरेलू बाजार पर पड़ रहा है.
दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति के करीब छह प्रतिशत पर रहने का अनुमान है. दास ने कहा कि तीसरी तिमाही के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 6.5 प्रतिशत है। वहीं मार्च तिमाही के लिए 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि तेल के दाम में यदि मौजूदा नरमी आगे बनी रही, तो महंगाई से राहत मिलेगी.
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