Piyush Goyal: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि लाल सागर में समस्याओं के चलते चावल के निर्यात पर असर पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर का निर्यात आंकड़ा आने के बाद ही पूरी स्थिति साफ हो पाएगी.
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Indian Economy: हमास के समर्थक हूती विद्रोहियों ने पिछले दिनों लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाना शुरू किया है. हूतियों ने जिस लाल सागर को जंग का अखारा बना दिया है, वो वैश्विक इकोनॉमी में बड़ा रोल निभाता है. लाल सागर में आए संकट का असर भारत पर भी पड़ रहा है. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि लाल सागर में समस्याओं के चलते चावल के निर्यात पर असर पड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर का निर्यात आंकड़ा आने के बाद ही पूरी स्थिति साफ हो पाएगी.
दिसंबर के आंकड़ों के बाद ज्यादा विवरण सामने आएगा
यमन स्थित हूती आतंकवादियों के हमलों के कारण लाल सागर और भूमध्य सागर को हिंद महासागर से जोड़ने वाला एक अहम मार्ग बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य के आसपास की स्थिति खराब हो गई है. भारत के निर्यात पर लाल सागर की समस्या के प्रभाव के बारे में मंत्री ने कहा, ‘अभी तक हमने कोई तत्काल प्रभाव नहीं देखा है. एक उद्योग जो प्रभावित हुआ है, मुझे बताया गया है कि वह चावल निर्यात है, लेकिन दिसंबर के आंकड़ों के बाद अधिक विवरण का पता चलेगा.’
अलग-अलग घटनाओं के साथ तनाव बढ़ गया
वैश्विक कंटेनर यातायात के 30 प्रतिशत के लिए अहम इस जलडमरूमध्य में वर्ष 2023 में अलग-अलग घटनाओं के साथ तनाव बढ़ गया है. इसमें क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियों द्वारा हमले और सैन्य युद्धाभ्यास शामिल हैं. बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य, जिसे अरबी में ‘आंसू का द्वार’ भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग है. यह लाल सागर और स्वेज नहर के जरिये भूमध्य सागर और हिंद महासागर को जोड़ता है. यह अफ्रीका को अरब प्रायद्वीप से अलग करता है.
भारत के लिए क्यों अहम है लाल सागर
निर्यातकों के अनुसार लाल सागर में संघर्ष बढ़ने पर मिस्र और यूरोपीय देशों को भारत की बासमती चावल निर्यात की खेप प्रभावित हो सकती है. हालांकि नेवी ने जिस रास्ते से भारत कच्चा तेल आता है उस रास्ते में इंडियन नेवी ने 5 ताकतवर वॉरशिप अरब सागर में उतार दिए हैं. ये युद्धपोत लाल सागर से अरब सागर होते हुए भारत आने वाले 3200 किमी के रूट को सुरक्षित रखेंगे. यह मार्ग भारत के लिए बहुत ही जरूरी है. इसी रास्ते से भारत का 75 प्रतिशत कच्चा तेल आता है.
लाल सागर का व्यापारिक महत्व
लाल सागर, हिंद महासागर और भूमध्य सागर को जोड़ने वाले रास्ते की लंबाई करीब 2000 किमी की है. इस रास्ते के प्रभावित होने का असर दुनियाभर के कारोबार पर पड़ता है. इस रास्ते से दुनियाभर का 40 से 45 प्रतिशत कारोबार होता है. समुद्री कारोबार के लिए संजीवनी कही जाने वाली स्वेज नहर से सालाना 17000 से ज्यादा जहाज गुजरते हैं. स्वेज नहर यूरोप और एशिया के बीच सबसे अहम कारोबारी मार्ग है.