IRDAI का सख्‍त कदम, डॉक्‍यूमेंट के कमी के कारण र‍िजेक्‍ट नहीं होगा इंश्‍योरेंस क्‍लेम
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IRDAI का सख्‍त कदम, डॉक्‍यूमेंट के कमी के कारण र‍िजेक्‍ट नहीं होगा इंश्‍योरेंस क्‍लेम

इंश्‍योरेंस कंपन‍ियों की तरफ से दी जाने वाली जानकारी के आधार पर आप आसानी से अलग-अलग इंश्‍योरेंस पॉल‍िसी की तुलना कर पाएंगे. साथ ही आप यह भी जान पाएंगे क‍ि आपके ल‍िए कौन सा इंश्‍योरेंस सही रहेगा, यह समझने में आसानी होगी. 

IRDAI का सख्‍त कदम, डॉक्‍यूमेंट के कमी के कारण र‍िजेक्‍ट नहीं होगा इंश्‍योरेंस क्‍लेम

IRDAI News: हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कंपन‍ियों पर रेग्‍युलेटर इरडा (IRDAI) की तरफ से लगातार सख्‍ती की जा रही है. अब इरडा की तरफ से इंश्‍योरेंस कंपन‍ियों पर एक और श‍िकंजा कसा गया है. IRDAI ने गाड़ी और घर आद‍ि का इंश्‍योरेंस कराने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कुछ नए नियम बनाए हैं. नए नियमों का मकसद इंश्‍योरेंस खरीदने वालों को पूरी जानकारी देना है. इरडा की तरफ से सभी इंश्‍योरेंस कंपनियों को हर तरह के बीमा के लिए एक बेसिक प्लान लाने के ल‍िए कहा है. इस बेसिक प्लान के तहत न्यूनतम सेफ्टी के साथ ही यह भी बताया जाएगा कि यह प्लान किन लोगों के लिए है.

बिना कारण बताए भी पॉलिसी को रद्द करा सकते हैं

इंश्‍योरेंस कंपन‍ियों की तरफ से दी जाने वाली जानकारी के आधार पर आप आसानी से अलग-अलग इंश्‍योरेंस पॉल‍िसी की तुलना कर पाएंगे. साथ ही आप यह भी जान पाएंगे क‍ि आपके ल‍िए कौन सा इंश्‍योरेंस सही रहेगा, यह समझने में आसानी होगी. इसके अलावा अब आप बिना कारण बताए भी पॉलिसी को रद्द करा सकते हैं और बाकी टाइम का प्रीमियम वापस ले सकते हैं. इसके अलावा इंश्‍योरेंस कंपनियों को जल्द से जल्द क्लेम का भुगतान करना होगा, देरी करने पर कंपन‍ियों पर जुर्मानाभी लगाया जा सकता है. यद‍ि कोई इंश्‍योरेंस कंपनी किसी झगड़े के निपटारे के लिए बनाए गए फैसले का पालन नहीं करती है तो उस पर हर रोज 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.

कई तरह की अवधि के लिए इंश्‍योरेंस चुनने की आजादी
इंश्‍योरेंस के ल‍िए नियम बनाने वाली संस्था IRDAI के नए नियमों के अनुसार अब हर तरह के बीमा के लिए एक बेसिक प्लान लाना जरूरी होगा. रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के CEO राकेश जैन का कहना है कि इस कदम का मकसद इंश्‍योरेंस के विकल्पों को एक जैसा बनाना और बेसिक प्लान के ऊपर अलग-अलग जरूरतों के लिए अतिरिक्त चीजें चुनने की सुविधा देना है. नए नियमों के अनुसार इंश्‍योरेंस कंपनियों को अब ग्राहकों को कई तरह की अवधि के लिए इंश्‍योरेंस चुनने की सुविधा देनी होगी.

क्‍लेम करने का प्रोसेस पहले से आसान हो जाएगा
इसके अनुसार आप चाहें तो एक साल से कम के लिए, एक साल के लिए या एक साल से ज्यादा समय के लिए भी इंश्‍योरेंस ले सकते हैं. साथ ही यह भी भरोसा दिलाया गया है कि बीमा कंपनियां अब दावा करते समय किसी और जांच (अंडरराइटिंग) की प्रक्रिया नहीं अपनाएंगी. सभी जरूरी कागजात पहले ही जमा करवाने होंगे, जिससे दावा करने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी. क्‍लेम प्रोसेस को आसान बनाने के लिए ग्राहकों को सिर्फ वही दस्तावेज जमा करने होंगे, जो सीधे तौर पर क्‍लेम से जुड़े हों. इसके अलावा क्‍लेम करने के 24 घंटों के अंदर ही सर्वेयर अपाइंअ कर दिया जाएगा. नियुक्त होने के बाद, सर्वेयर को 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट इंश्‍योरेंस कंपनी को सौंपनी होगी. इसके बाद, इंश्‍योरेंस कंपनियों को सर्वे रिपोर्ट मिलने के 7 दिन के अंदर क्‍लेम के बारे में अपना फैसला देना होगा.

इसके अलावा यद‍ि आपने एक से ज्यादा इंश्‍योरेंस करवा रखे हैं तो अब बीमा कंपनियां 'कॉन्ट्रीब्यूशन क्लॉज' का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं. 'कॉन्ट्रीब्यूशन क्लॉज' के तहत बीमा कंपनी सिर्फ नुकसान का एक हिस्सा ही चुकाती थी, पूरी रकम नहीं. ये नए नियम बीमा नियम बनाने वाली संस्था IRDAI द्वारा हेल्‍थ इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में किए गए सुधारों के बाद आए हैं. हेल्‍थ इंश्‍योरेंस में नए नियमों के तहत बीमा कंपनियों को बुजुर्गों सहित सभी लोगों को इंश्‍योरेंस देना जरूरी है और अस्पताल से छुट्टी मिलने के 3 घंटे के अंदर दावा का भुगतान करना होता है.

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