Amphan से जिनको हुआ है नुकसान, उनको जल्द मिलेगा बीमा क्लेम, IRDAI ने जारी किया निर्देश
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Amphan से जिनको हुआ है नुकसान, उनको जल्द मिलेगा बीमा क्लेम, IRDAI ने जारी किया निर्देश

चक्रवाती तूफान अम्फान से जिन बीमा पॉलिसीधारकों को नुकसान पहुंचा है, उनको जल्द ही क्लेम मिल सकेगा. भारतीय बीमा विकास व नियामक प्राधिकरण (IRDAI) ने इस बारे में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. 

फाइल फोटो

नई दिल्लीः चक्रवाती तूफान अम्फान से जिन बीमा पॉलिसीधारकों को नुकसान पहुंचा है, उनको जल्द ही क्लेम मिल सकेगा. भारतीय बीमा विकास व नियामक प्राधिकरण ने इस बारे में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. इस तूफान ने पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के कई जिलों में भारी तबाही मचा दी है, जिससे जान-माल को नुकसान हुआ है. इससे बीमा का क्लेम पाने वालों की संख्या भी बढ़ी है. ऐसे में इरडा ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वो तूफान के मद्देनजर जल्द से जल्द क्लेम निपटाने की प्रक्रिया को पूरी करें. तूफान से घरों के अलावा लोगों की गाड़ियों को भी काफी नुकसान हुआ है, जिनमें ट्रक, बस और कार से लेकर छोटे व हल्के वाहन भी शामिल हैं. 

जारी की हैं ये नई गाइडलाइंस
इरडा ने सभी बीमा कंपनियों को जो नई गाइडलाइंस जारी की हैं वो इस प्रकार हैं....

सभी बीमा कंपनियां एक वरिष्ठ अधिकारी को नॉमिनेट करेंगी, जो इन दोनों राज्यों में नोडल ऑफिसर के तौर पर कार्य करेगा. यह अधिकारी राज्य सरकारों के साथ मिलकर प्रभावित पॉलिसीधारकों के क्लेम का तुरंत निस्तारण करेगा. इनमें मृत हुए पॉलिसीधारक का नॉमिनी द्वारा दिए गए क्लेम भी शामिल हैं. जितने भी क्लेम के दावे आएंगे, उनको तुरंत रजिस्टर्ड किया जाएगा और साथ में सही दावों को कम से कम समय में निस्तारित किया जाएगा.

जो क्लेम मृत हुए पॉलिसीधारक के नॉमिनी द्वारा किए गए हैं और जिनमें मृत व्यक्ति की बॉडी नहीं मिलने के चलते डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिला है, तो उनके लिए वो ही प्रोसेस फॉलो होगा जो 2015 के चेन्नई में आई बाढ़ के वक्त लिया गया था.

क्लेम के लिए जो नियम कायदे बने हैं उनमें जहां तक हो सके ढील दी जा सकती है.

जहां पर कंपनी के ऑफिस या फिर विशेष कैंप लग रहे हैं उनके बारे में प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया में अच्छे से प्रचार होना चाहिए, जिससे जल्दी से क्लेम फाइल हो सकें. इस तरह के कार्यों की सूचना अथॉरिटी को भी तुरंत दी जाए.

कोरोना वायरस के चलते यह सुनिश्चित किया जाए कि क्लेम भरने के लिए ऑनलाइन माध्यमों का सहारा लिया जाए. 

अगर कोई पॉलिसीधारक या फिर नॉमिनी बीमा कंपनी के कार्यालय में आता है तो फिर सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य नियमों का पालन होना चाहिए. कंपनी का स्टाफ भी पूरी तरह से सेनेटाइज होकर ध्यानपूर्वक पॉलिसीहोल्डर या फिर नॉमिनी की मदद करेगा. 

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