अगर आपने भी ले रखा है बीमा तो आ गई बड़ी खबर, IRDA अब बना रहा ये प्लान!
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अगर आपने भी ले रखा है बीमा तो आ गई बड़ी खबर, IRDA अब बना रहा ये प्लान!

IRDA News Update: बीमा नियामक इरडा के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने बुधवार को कहा कि 2017 के बाद से पहली बार किसी साधारण बीमा कंपनी को लाइसेंस दिया गया है तथा करीब 20 और आवेदनों पर विचार किया जा रहा है.

अगर आपने भी ले रखा है बीमा तो आ गई बड़ी खबर, IRDA अब बना रहा ये प्लान!

IRDA News Update: बीमा नियामक इरडा के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने बुधवार को कहा कि 2017 के बाद से पहली बार किसी साधारण बीमा कंपनी को लाइसेंस दिया गया है तथा करीब 20 और आवेदनों पर विचार किया जा रहा है. पांडा ने कहा कि हाल में साधारण बीमा लाइसेंस क्षेमा जनरल इंश्योरेंस को मिला है. इससे पहले जीवन बीमा क्षेत्र में वर्ष की शुरुआत में क्रेडिट एक्सेस लाइफ और एको लाइफ को लाइसेंस दिए गए थे. नियामक लगभग 20 और आवेदनों पर विचार कर रहा है.

23 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां कर रही हैं काम
उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में उन्होंने कहा कि पिछली बार जीवन बीमा क्षेत्र में 2011 में लाइसेंस दिये गये थे. वर्तमान में देश में 23 जीवन बीमा कंपनियां और 33 साधारण बीमा कंपनियां काम कर रही हैं.

कितना रहा है प्रीमियम मूल्य?
बीमा उद्योग में फरवरी में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां 59 लाख करोड़ रुपये और प्रीमियम मूल्य 10 लाख करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 16 फीसदी अधिक है.

क्या बोले चेयरमैन?
पांडा ने उद्योग से ‘2047 तक सभी के लिये बीमा’ को एक नारे के रूप में नहीं बल्कि एक अभियान के रूप में लेने और उसपर कदम उठाने का आह्वान किया. उन्होंने भरोसा व्यक्त किया कि निर्धारित लक्ष्य को समय से पहले पूरा किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये उद्योग को अलग हटकर कदम उठाने होगा और ज्यादा-से-ज्यादा प्रौद्योगिकी को अपनाना होगा ताकि वे अधिक से अधिक उत्पाद विकसित कर सकें, जो वैसे लोगों के लिये सस्ते में सुलभ हों, जो अबतक इसके दायरे में नहीं आये हैं.

कर्मचारियों के लिए भी करना चाहिए काम
इरडा के चेयरमैन ने यह भी कहा कि उद्योग को अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने वाले छोटे उद्यम जैसे बीमा से वंचित वर्ग को भी इसके दायरे में लाने पर गौर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में अस्थायी तौर पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिये भी उत्पाद विकसित करने चाहिए.

भाषा - एजेंसी

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