कॉलेज में बेची जा रही थी जनरल और EWS की सीटें, शिक्षा के ठेकेदारों पर इनकम टैक्स ने कसा शिकंजा
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कॉलेज में बेची जा रही थी जनरल और EWS की सीटें, शिक्षा के ठेकेदारों पर इनकम टैक्स ने कसा शिकंजा

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को शिकायत मिली थी कि ये संस्थान जनरल और EWS कोटे की सीटों को मैनेजमेंट कोटा के तहत बेचकर नियमों का उल्लंघन कर रहे थे. 

कॉलेज में बेची जा रही थी जनरल और EWS की सीटें, शिक्षा के ठेकेदारों पर इनकम टैक्स ने कसा शिकंजा

Income Tax: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शिक्षा संस्थानों में हो रही टैक्स चोरी पर बड़ी कार्रवाई शुरू की है. विभाग ने दिल्ली-एनसीआर स्थित आर मंगलम ग्रुप के खिलाफ सर्वे अभियान चलाया हैं. इस ग्रुप के देशभर में 14 स्कूल-कॉलेज हैं.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को शिकायत मिली थी कि ये संस्थान जनरल और EWS कोटे की सीटों को मैनेजमेंट कोटा के तहत बेचकर नियमों का उल्लंघन कर रहे थे. साथ ही इस प्रक्रिया से होने वाली आय पर टैक्स चोरी की जा रही थी.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक्सेम्पशन विंग ने लंबे समय से आ रही शिकायतों के आधार पर देशभर के ऐसे संस्थानों की सूची तैयार की है, जो सीट बेचने या अन्य माध्यमों से टैक्स चोरी कर रहे हैं.  आर मंगलम पर हुई कार्रवाई इसी अभियान का हिस्सा है.  विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि शिक्षा के नाम पर हो रहे इस तरह के अनियमितताओं पर लगाम लगाई जा सके.

शुद्ध प्रॉफिट टैक्स बढ़ा

भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष के 1 अप्रैल 2024 से 12 जनवरी 2025 के बीच 16.90 लाख करोड़ रुपये रहा है. इसमें पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 15.88 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है. यह जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा संकलित किए गए ताजा आंकड़ों से मिली.

समीक्षा अवधि के दौरान सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.94 प्रतिशत बढ़कर 20.64 लाख करोड़ रुपये हो गया है. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 17.21 लाख करोड़ रुपये था.

इनकम टैक्स में भी बढ़ोतरी

इस अवधि के दौरान व्यक्तिगत आयकर संग्रह पिछले वित्त वर्ष के 7.2 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 21.6 प्रतिशत बढ़कर 8.74 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि कॉर्पोरेट कर संग्रह वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में 7.10 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 8.12 प्रतिशत बढ़कर 7.7 लाख करोड़ रुपये हो गया.

सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) संग्रह, जो प्रत्यक्ष कर का एक घटक है, इस अवधि के दौरान 75 प्रतिशत बढ़कर 44,500 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 25,415 करोड़ रुपये था.

आंकड़ों में बताया गया कि समीक्षा अवधि में 3.74 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है, जो कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 42.5 प्रतिशत ज्यादा है.

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