Budget 2024: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी. इस बार सरकार बजट में मिलने वाले इंश्योरेंस कवर में इजाफा कर सकती है. यानी 5 लाख वाले इंश्योरेंस कवर की लिमिट को सीधे 10 लाख रुपये किया जा सकता है.
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Indian Budget 2024: हलवा सेरेमनी पूरी हो गई है और अब बजट की छपाई का काम शुरू हो गया है. 6 दिन बाद देश का बजट पेश किया जाएगा. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी. इस बार के बजट से गरीबों, किसानों, मिडिल क्लास समेत सभी को काफी उम्मीदें हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार सरकार बजट में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना (PM-JAY) के तहत मिलने वाले इंश्योरेंस कवर में इजाफा कर सकती है. फिलहाल अभी तक इस योजना के तहत 5 लाख रुपये का कवर मिल रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बजट 2024 में केंद्र सरकार इस इंश्योरेंस राशि को डबल कर सकती है. यानी 5 लाख वाले इंश्योरेंस कवर की लिमिट को सीधे 10 लाख रुपये किया जा सकता है.
गंभीर बीमारियों को कवर करने का प्लान
न्यूज एजेंसी से मिली जानकारी के मुताबिक, कैंसर और अन्य तरह की गंभीर बीमारियों को भी इस इंश्योरेंस के तहत कवर करने का प्लान बनाया जा रहा है, जिससे लोगों की फाइनेंशियल हेल्प की जा सके. 5 लाख रुपये से ज्यादा खर्च वाले कैंसर और कई तरह की बीमारियों को कवर करने के लिए मंत्रालय की तरफ से प्रति वर्ष 5 लाख रुपये बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक किया जा सकता है.
दोगुनी हुई लाभार्थियों की संख्या
स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, पीएम जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या दोगुनी होकर के करीब 100 करोड़ पर पहुंच गई है. इसके साथ ही सरकार किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों, आशा कार्यकर्ताओं समेत कई लोगों को इस योजना का फायदा देने का प्लान बना रही है.
2018 में शुरू हुई थी योजना
इस सरकारी योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने 23 सितंबर 2018 को की थी. इस योजना के तहत सभी परिवार को हर साल 5 लाख रुपये के बीमा की सुविधा दी जाती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब वर्ग को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देना है. इस योजना में 49 फीसदी महिलाएं है और उनके पास में करीब 14.6 करोड़ आयुष्मान कार्ड है. वहीं, योजना के तहत करीब 48 फीसदी महिलाओं ने उपचार की सुविधा ली है.
6.2 करोड़ लोग हो चुके हैं दाखिल
मंत्रालय की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, इस योजना की शुरुआत से अबतक करीब 6.2 करोड़ लोग हॉस्पिटल में दाखिल हो चुके हैं. वहीं, इन लोगों पर करीब 74,157 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसके अलावा मंत्रालय का दावा है कि करीब 1.25 करोड़ रुपये की बचत इस योजना के तहत हुई है.