पाकिस्तान के दौरे पर आए आईएफसी चीफ मख्तर दिओप के अनुसार, इस निवेश योजना से अगले दशक में सालाना दो अरब डॉलर तक की पूंजी जुटाई जा सकती है. उनकी पाकिस्तान यात्रा वर्ल्ड बैंक द्वारा 20 अरब डॉलर के ‘देश साझेदारी ढांचे’ की घोषणा के बाद हो रही है.
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Pakistan Share Market: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में गिरते विदेशी मुद्रा भंडार के बीच एक राहत भरी खबर आई है. वर्ल्ड बैंक की प्राइवेट निवेश इकाई अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) पाकिस्तान में इक्विटी निवेश बढ़ा रही है और बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण पर फोकस कर रही है. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के अनुसार पाकिस्तान के दौरे पर आए आईएफसी चीफ मख्तर दिओप के अनुसार, इस निवेश योजना से अगले दशक में सालाना दो अरब डॉलर तक की पूंजी जुटाई जा सकती है. उनकी पाकिस्तान यात्रा वर्ल्ड बैंक द्वारा 20 अरब डॉलर के ‘देश साझेदारी ढांचे’ की घोषणा के बाद हो रही है, जिसमें आईएफसी भी इतनी ही राशि आवंटित करेगा.
दो अरब डॉलर का निवेश पाकिस्तान के लिए पर्याप्त नहीं
दिओप ने इस बात पर जोर दिया कि दो अरब डॉलर का सालाना निवेश पाकिस्तान के लिए पर्याप्त नहीं है, क्योंकि उसे ऊर्जा, जल, बंदरगाहों और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों जैसे क्षेत्रों में व्यापक बुनियादी ढांचे के विकास की आवश्यकता है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कुछ ही महीनों में प्रमुख परियोजनाओं पर प्रगति से यह संकेत मिलेगा कि पाकिस्तान महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए बड़े पैमाने पर वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए तैयार है.
IFC पाकिस्तान समेत ग्लोबल लेवल पर इक्विटी निवेश बढ़ा रहा
दिओप ने पाकिस्तान के कृषि, बुनियादी ढांचे, वित्त और डिजिटल उद्योगों में आईएफसी की रुचि पर प्रकाश डाला. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि इक्विटी-आधारित लेनदेन देश के विकास में बड़ी भूमिका निभाएंगे क्योंकि आईएफसी पाकिस्तान सहित वैश्विक स्तर पर अपने इक्विटी निवेश को बढ़ा रहा है. रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दिओप से बातचीत करते हुए पाकिस्तान में निजी निवेश को बढ़ावा देने में आईएफसी की भूमिका की सराहना की.
पाकिस्तान का फिर घटा भंडार
पिछले दिनों जब भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा था तो पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी देखी जा रही थी. लेकिन अब जब भारत का बढ़ा है तो पाकिस्तान में गिरावट देखी जा रही है. पड़ोसी मुल्क को इन दिनों विदेशी मुद्रा भंडार की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. बीते 7 फरवरी 2025 को खत्म हुए सप्ताह के दौरान वहां के विदेशी मुद्रा भंडार में 181.5 मिलियन डॉलर की कमी आई. इस गिरावट के साथ पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 15.862 बिलियन डॉलर रहा गया.