Face Recognition: फेस वेरिफिकेशन करने वाली तकनीक के इस्तेमाल से पेंशनर्स का डिजिटली लाइफ सर्टिफिकेट बनाया जा सकता है. आपको बता दें सभी पेंशनर्स को अपनी पेंशन लगातार पाने के लिए हर साल अपने जिंदा होने का सर्टिफिकेट देना होता है.
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Pensioners Life Certificate: अगर आप खुद या आपके घर में कोई पेंशनर हैं तो यह खबर बहुत जरूरी है. केंद्र सरकार ने पेंशन बांटने वाले सभी बैंकों को बुजुर्ग पेंशनर्स की सुविधा के लिए नया आदेश दिया है. सरकार ने बैंकों से बीमार और अस्पताल में भर्ती पेंशनर्स को लाइफ सर्टिफिकेट (Life Certificate) जमा करने में मदद करने के लिए ‘डोरस्टेप कार्यकारियों’ भेजने की व्यवस्था करने का आदेश दिया है. पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOPPW) की तरफ से एक आदेश में कहा गया कि सभी बैंक 80 वर्ष और इससे अधिक की उम्र वाले सुपर सीनियर पेंशनर्स को डिजिटली लाइफ सर्टिफिकेट बनवाने को लेकर जागरूकता पैदा करने का प्रयास करें.
डिजिटली बन सकता है लाइफ सर्टिफिकेट
फेस वेरिफिकेशन करने वाली तकनीक के इस्तेमाल से पेंशनर्स का डिजिटली लाइफ सर्टिफिकेट बनाया जा सकता है. दरअसल, सभी पेंशनर्स को अपनी पेंशन लगातार पाने के लिए हर साल अपने जिंदा होने का प्रमाण देना होता है. इसे ही ‘जीवन प्रमाणपत्र’ (Life Certificate) कहा जाता है. इस समय केंद्र सरकार के करीब 69.76 लाख पेंशनर्स हैं. केंद्र सरकार ने साल 2019 में बैंकों से कहा था कि वे सुपर सीनियर पेंशनर्स को नवंबर के बजाय एक अक्टूबर से ही अपना जीवन प्रमाणपत्र (Life Certificate) देने की अनुमति दें.
घर बैठे-बैठे हो जाएगा काम
आपको बता दें 80 साल से कम उम्र वाले पेंशनर्स को अपना जीवन प्रमाणपत्र (Life Certificate) नवंबर में देना होता है. डीओपीपीडब्ल्यू (DOPPW) की तरफ से 25 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया कि चेहरे का सत्यापन (Face Recognition) करने वाली तकनीक से बनाए गए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (DLC) को अब हर पेंशनर घर से ही स्मार्टफोन के जरिये या बैंक शाखा में जाकर जमा करा सकता है. आदेश के अनुसार बैंक डोरस्टेप बैंकिंग एग्जीक्यूटिव की नियुक्ति करके जीवन प्रमाणपत्र (Life Certificate) जमा करने की सुविधा दे सकते हैं.
बैंक 80 साल से अधिक उम्र के पेंशनर्स को 1 अक्टूबर से यह सुविधा देने का निर्देश अपनी शाखाओं को दे सकते हैं. इस आदेश में बैंकों को डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बनवाने की सुविधा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है. इस बारे में बैंकों की ब्रांच एवं एटीएम पर पोस्टर के जरिये भी सूचना दी जा सकती है. (इनपुट : भाषा)