GST Rate: टैक्स भरने वालों के लिए बड़ा अपडेट, इनको देना होगा 28 फीसदी का टैक्स
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GST Rate: टैक्स भरने वालों के लिए बड़ा अपडेट, इनको देना होगा 28 फीसदी का टैक्स

E-Gaming: सरकार की ओर से ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर बड़ा फैसला लिया गया है. अब इनके लिए सरकार की ओर से 28 फीसदी जीएसटी वसूल किया जाएगा. इसके साथ ही लोगों को इनको लेकर अहम अपडेट की भी जानकारी होनी चाहिए. आइए जानते हैं इसके बारे में...

GST Rate: टैक्स भरने वालों के लिए बड़ा अपडेट, इनको देना होगा 28 फीसदी का टैक्स

GST: वित्त मंत्रालय ने ई-गेमिंग, कैसिनो और घुड़सवारी के लिए जीएसटी कानून के संशोधित प्रावधानों के क्रियान्वयन के लिए एक अक्टूबर की तारीख अधिसूचित की है. केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में संशोधनों के अनुसार ई-गेमिंग, कैसिनो और घुड़सवारी को लॉटरी, सट्टेबाजी और जुए की तरह ‘कार्रवाई योग्य दावों’ के रूप में देखा जाएगा और 28 प्रतिशत जीएसटी (माल एवं सेवा कर) लगेगा. ऐसे में आज 1 अक्टूबर से ये लागू हो चुके हैं. हालांकि, ई-गेमिंग कंपनियों ने कहा कि चूंकि कई राज्यों ने अभी तक अपने संबंधित राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) कानूनों में संशोधन पारित नहीं किया है तो सीजीएसटी और आईजीएसटी कानूनों में केंद्र सरकार की यह अधिसूचना भ्रम पैदा करेगी.

जीएसटी

केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में बदलाव के अनुसार ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ को लॉटरी, सट्टेबाजी और जुए के समान ‘कार्रवाई योग्य दावों’ के रूप में माना जाएगा और दांव के पूर्ण अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी के अधीन होगा. एकीकृत जीएसटी कानून में संशोधनों के अनुसार विदेशी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के लिए भारत में रजिस्ट्रेशन कराना और घरेलू कानून के अनुसार टैक्स भुगतान करना अनिवार्य होगा.

28 फीसदी टैक्स

एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) अधिनियम में संशोधन से ऑफशोर ऑनलाइन गेमिंग मंचों के लिए भारत में रजिस्ट्रेशन कराना और घरेलू कानून के अनुसार 28 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य हो गया है. केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्रियों वाली जीएसटी परिषद ने जुलाई और अगस्त में अपनी बैठकों में ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ को टैक्स योग्य कार्रवाई योग्य दावों के रूप में शामिल करने के लिए कानून में संशोधन को मंजूरी दी थी और स्पष्ट किया था कि ऐसी आपूर्ति पर पूर्ण दांव मूल्य पर 28 प्रतिशत कर लगेगा.

जीएसटी कानूनों में संशोधन

परिषद के निर्णय को प्रभावी बनाने के लिए संसद ने पिछले महीने केंद्रीय जीएसटी और एकीकृत जीएसटी कानूनों में संशोधन पारित किया. इसके बाद, इन कंपनियों के जरिए मूल्यांकन के नियमों को भी छह सितंबर को अधिसूचित किया गया था. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को लिखे एक पत्र में ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) ने पूछा है कि लगभग 15 राज्यों ने अभी तक अपने संबंधित राज्य जीएसटी कानूनों में बदलाव नहीं किया है, ऐसे में रजिस्टर ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के जरिए उन राज्यों में उन राज्यों के खिलाड़ियों से प्राप्त जमा राशि के संबंध में अपनाई जाने वाली जीएसटी कार्रवाई क्या होगी.

जीएसटी की योजना

फेडरेशन ने केंद्र से अनुरोध किया कि वह इन अधिसूचनाओं पर पुनर्विचार करे और उन्हें तब तक निलंबित रखे जब तक कि सभी राज्य जीएसटी की योजना और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप अपने संबंधित संशोधनों को पारित नहीं कर देते और इस बीच आवश्यक स्पष्टीकरण के माध्यम से उपरोक्त मुद्दों का समाधान करें. (इनपुट: भाषा)

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