Adani Group: OCCRP की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीके से खुद अपने ही स्टॉक खरीदकर शेयर बाजार में लाखों डॉलर का निवेश किया. ये काम शेल कंपनियों के माध्यम से किया गया और इनसे जुड़े दोनों निवेशकों को गौतम अडानी के भाई विनोद अदानी का करीबी माना जाता है.
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OCCRP Report: साल की शुरुआत में जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों के बाद अडानी ग्रुप (Adani Group) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. नॉन प्रॉफिट मीडिया संगठन आर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीके से खुद अपने ही स्टॉक खरीदकर शेयर बाजार में लाखों डॉलर का निवेश किया. ये काम शेल कंपनियों के माध्यम से किया गया और इनसे जुड़े दोनों निवेशकों को गौतम अडानी के भाई विनोद अदानी का करीबी माना जाता है.
गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी के करीबी
इस मामले में इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर में दावा किया गया है कि दोनों ही शेल कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड (BVI) में पंजीकृत हैं. अहली ने निवेश के लिए गल्फ एशिया ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (Gulf Asia Trade and Investment Limited) का इस्तेमाल किया. वहीं, चांग ने लिंगो इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (Lingo Investment Limited) के जरिये निवेश किया है. इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म के अंतरराष्ट्रीय संगठन की पेंडोरा पेपर्स की जांच में यह सामने आया है.
सेबी के नियमों का उल्लंघन
इसके साथ ही अडानी ग्रुप ने सेबी (SEBI) के उन नियमों का भी उल्लंघन किया है, जिसके अनुसार भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों में प्रमोटर ग्रुप की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. दूसरे शब्दों में आप इसे यह भी कह सकते हैं कि कंपनी की कम से कम 25 प्रतिशत हिस्सेदारी खुदरा निवेशकों के हाथों में होनी चाहिए.
दोनों ही व्यक्ति अडानी ग्रुप से जुड़ी कंपनियों के निदेशक और शेयरधारक रहे हैं. आपको बता दें नासिर अली शाबान अहली, यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) के कारोबारी हैं. वह UAE की कंसल्टेंसी कंपनी अल अल जव्दा ट्रेड एंड सर्विसेस के डायरेक्टर हैं. वहीं, चांग चुंग लिंग गुदामी इंटरनेशनल के मालिक हैं और ताइवान से ताल्लुक रखते हैं.