Car Tyres Change: अगर आप भी कार टायर्स को लंबे समय से इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको इन्हें चेंज करवाने का सही समय पता रहना चाहिए.
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Car Tyres Change: कई बार ऐसा देखा जाता है कि लोग अपनी कार के टायर्स को तब तक नहीं चेंज करवाते हैं, जब तक वो फट ना जाएं या उसमें बड़ी-बड़ी दरारें ना पड़ जाएं. ऐसे में कार ओनर्स को इसका टायर बदलने का सही तरीका पता रहना चाहिए. अगर समय से कार के टायर्स को ना चेंज करवाया जाए तो ये एक्सीडेंट का या कार स्किड होने का कारण बन सकते हैं जो कार में बैठे हुए लोगों और सड़क पर चल रहे लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. आज हम आपको इस खबर में बताने जा रहे हैं कि कब आपको अपनी कार के टायर्स को चेंज करवा देना चाहिए.
कब बदलें कार का टायर:
ट्रेड डेप्थ: टायर पर उभरे हुए हिस्से को ट्रेड कहा जाता है. जब ट्रेड की गहराई 1.6 मिमी से कम हो जाए तो टायर बदलना जरूरी हो जाता है. भारत में ज्यादातर कारों में ट्रेड डेप्थ इंडिकेटर होते हैं, जिनकी मदद से आप आसानी से ट्रेड की गहराई माप सकते हैं.
टायर की उम्र: टायर की उम्र 5-6 साल होती है। भले ही ट्रेड की गहराई सही हो, लेकिन उम्र के साथ टायर का रबर सख्त हो जाता है और ग्रिप कमजोर हो जाती है. इसलिए 5-6 साल के बाद टायर बदल देना चाहिए.
टायर में डैमेज: अगर टायर में कोई कट, फट या उभार है तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए.
असमान घिसाव: अगर टायर असमान रूप से घिस रहे हैं, तो इसका मतलब है कि गाड़ी में कोई समस्या है. इस स्थिति में टायर के साथ-साथ गाड़ी की भी जांच करवानी चाहिए.
टायर बदलने के लक्षण:
गाड़ी का हिलना-डुलना
ब्रेक लगाने में दिक्कत
गाड़ी का एक तरफ खिंचना
पानी वाली सड़क पर गाड़ी का फिसलना
अजीब सी आवाज आना