इलेक्ट्रिक गाड़‍ियों की बैटरी और लंबी चलेगी! NIT राउरकेला ने बनाई ये नई टेक्नोलॉजी
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इलेक्ट्रिक गाड़‍ियों की बैटरी और लंबी चलेगी! NIT राउरकेला ने बनाई ये नई टेक्नोलॉजी

Car Battery Technology: रिसर्च टीम ने कोबाल्ट के टिकाऊ और किफायती ऑप्शन के रूप में मैग्नीशियम बेस्ड कैथोड मैटेरियल डेवलप किया है.

इलेक्ट्रिक गाड़‍ियों की बैटरी और लंबी चलेगी! NIT राउरकेला ने बनाई ये नई टेक्नोलॉजी

NIT Rourkela: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी), राउरकेला के रिसर्चर्स ने लिथियम-आयन बैटरी के लिए कैथोड मेटेरियल की एक नई कैटेगरी डेवलप की है, जो कोबाल्ट-बेस्ड डिजाइन का एक ऑप्शन पेश करती है. यह इनोवेशन ट्रेडिशनल लिथियम-आयन बैटरी में एक प्रमुख घटक कोबाल्ट की ज्यादा लागत, कमी और एनवायरमेंटल चिंताओं से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करेगा.

रिसर्च टीम ने कोबाल्ट के टिकाऊ और किफायती ऑप्शन के रूप में मैग्नीशियम बेस्ड कैथोड मैटेरियल डेवलप किया है. एनआईटी राउरकेला में सिरेमिक इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर पार्थ साहा ने कहा कि स्मार्टफोन, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) जैसे डिवाइस को एनर्जी प्रदान करने वाली लिथियम-आयन बैटरी में मुख्य रूप से कोबाल्ट बेस्ड कैथोड का इस्तेमाल किया जाता है.

उन्होंने कहा कि हालांकि, कोबाल्ट कई चुनौतियां पेश करता है, जिनमें इसकी ज्यादा लागत और कीमत की अस्थिरता तथा सीमित उपलब्धता आदि शामिल है. साहा ने कहा, "लिथियम-आयन बैटरी की मांग बढ़ती जा रही है. ये मुद्दे लगातार गंभीर होते जा रहे हैं. अनुमानों से संकेत मिलता है कि 2050 तक कोबाल्ट की ग्लोबल सप्लाई बढ़ती मांग को पूरा नहीं कर पाएगी, जिससे ऑप्शनल मैटेरियल डेवलप करने की तत्काल जरूरत को बल मिलता है. "

मैग्नीशियम के कई फायदे हैं. यह सस्ता है और भारत में पूरी मात्रा में व्यापक रूप से उपलब्ध है. तमिलनाडु, उत्तराखंड और कर्नाटक जैसे राज्यों में इसके बड़े भंडार हैं. इसके अलावा, मैग्नीशियम एनवायरमेंट के अनुकूल है जो बैटरी प्रॉडक्शन के इकोलॉजिकल प्रभाव को कम करने में मदद करता है.

साहा ने कहा, "हमारे रिसर्च से पता चलता है कि नए कैथोड में 100 'चार्ज-डिस्चार्ज' साइकल के बाद इसकी मूल क्षमता का 74.3 प्रतिशत बरकरार रहता है, जो ट्रेडिशन कोबाल्ट-बेस्ड कैथोड में देखी गई हाई कैपेसिटी लॉस की तुलना में एक अहम सुधार है." उन्होंने बताया कि इस सफलता के व्यापक निहितार्थ और अनुप्रयोग हैं और यह इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सस्ती और हाई परफोर्मेंस वाली बैटरी बनाने का रास्ता क्लियर करती है, जिससे बढ़ती ईवी इंडस्ट्री में इसका अहम योगदान होगा.

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इसके अलावा, यह लगातार डेवलपमेंट के लिए जरूरी किफायती ऊर्जा भंडारण समाधान उपलब्ध कराकर भारत के रिनुएबल एनर्जी लक्ष्यों को सपोर्ट करेगी. इंपोर्टेड मेटेरियल पर निर्भरता को कम करके यह इनोवेशन बैटरी प्रॉडक्शन में भारत की आत्मनिर्भरता को भी बढ़ाएगी जिससे ग्लोबल एनर्जी मार्केट में देश की स्थिति मजबूत होगी.

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