Neeli Gemstone: शनि देव की कृपा फर्श से अर्श पर पहुंचा देती है इसलिए लोग उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई तरीके अपनाते हैं. नवरत्न में शामिल नीलम की जगह एक सस्ता रत्न पहनकर भी शनि कृपा पा सकते हैं.
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Neeli Gemstone Benefits: वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. इसमें रत्न शास्त्र एक महत्वपूर्ण शाखा है. रत्न और उपरत्नों के जरिए ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभावों को आसानी से संतुलित किया जा सकता है. ग्रहों के अशुभ फल से निजात पाई जा सकती है और ग्रहों का शुभ फल बढ़ाया जा सकता है. न्याय के देवता शनि से संबंधित रत्न नीलम है. जिन लोगों की कुंडली में शनि शुभ स्थिति में हो उन्हें नीलम पहनने से बहुत लाभ होता है. चूंकि नवरत्न में शामिल नीलम बहुत महंगा होता है, ऐसे में सभी के लिए नीलम खरीदना और पहन पाना संभव नहीं होता है. ऐसी स्थिति के लिए रत्न शास्त्र में उपरत्न या सब्सिट्यूट के बारे में बताया गया है.
नीलम की तुलना में बेहद सस्ता है नीली उपरत्न
नीलम का उपरत्न नीली रत्न है. नीलम की तुलना में नीली उपरत्न बहुत सस्ता होता है. यह 300 रुपए प्रति कैरेट से शुरू होकर 3000 रुपए प्रति कैरेट तक मिलता है. आमतौर पर करीब 5 कैरेट का नीली पहनने की सलाह दी जाती है. इस तरह 1500 रुपए का नीली पहनकर शनि दोष के कारण हो रही समस्याओं से राहत पाई जा सकती है.
नीली पहनने के फायदे
रत्न शास्त्र अनुसार नीली पहनने से शनि दोष से छुटकारा मिलता है. जातक को जल्द आर्थिक लाभ होने लगता है. तरक्की में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. मानसिक-शारीरिक कष्ट दूर होते हैं. तनाव से मुक्ति मिलती है. नीली पहनने से व्यक्ति में धैर्य आता है.
ये लोग पहन सकते हैं नीली उपरत्न
नीली रत्न वृषभ राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि, तुला राशि, मकर राशि और कुंभ राशि के लोगों के लिए शुभ माना जाता है. यदि शनि देव कुंडली में सकारात्मक स्थित हैं तो भी नीली पहना जा सकता है. शनि उच्च के हों और शनि की महादशा चल रही हो तो भी नीली धारण कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि नीली उपरत्न को माणिक्य, मूंगा और मोती के साथ धाऱण नहीं करना चाहिए, वरना फायदे की जगह नुकसान हो सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)