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Rakhi Bandhane Ka Sahi Samay: रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है. इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं. रक्षाबंधन का पर्व हर साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस बार 11 अगस्त के दिन बहनें भाइयों को राखी बांधेंगी. लेकिन इस बार 11 अगस्त को पूरा दिन भद्रा का साया है इसलिए अधिकर ज्योतिषियों का कहना है कि इस बार रक्षाबंधन या तो भद्रा समाप्त होने के बाद यानी रात्रि में मनाया जाए, या फिर 12 अगस्त की सुबह 7 बजे तक बहनें अपनी भाइयों की कलाई पर राखी बांध दें.
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार रक्षाबंधन अपराह्न व्यापिनी पूर्णिमा में मनाया जाता है. 'अपराह्णव्यापिनी स्याद्रक्षाबन्धनकर्मणि' और भद्रा का त्याग करना चाहिए. अपराह्न व्यापिनी पूर्णिमा 11 अगस्त को होने के कारण इस दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा, किंतु पूर्णिमा लगने के साथ ही 10:38 बजे से भद्रा भी लग जाएगी, इसलिए उस समय रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जा सकेगा.
'भद्रां विना चेदपरान्हे तदा परा। तत् सत्त्वे तु रात्रावपीत्यर्थ:' रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल में किसी भी प्रकार के शुभ कार्यों की मनाही होती है. इसलिए भद्रा में रक्षाबंधन का प्रव नहीं मनाया जाएगा. इसलिए रक्षाबंधन का पर्व भद्रा के बाद ही मनाया जाए, तो बेहतर होगा. भले ही उस समय रात्रि ही क्यों न हो. ऐसा निर्णयामृत ग्रंथ में स्पष्ट लिखा है.
बता दें कि 11 अगस्त 2022 को रात्रि में 8 बजकर 51 मिनट तक भद्रा रहेगी, इसलिए इस समय के बाद यानी रात में 8:52 बजे से आप भाइयों की राखी बांध सकते हैं. अगर पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण होने पर भी भद्रा के बाद ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है.
कुछ विद्वानों का कहना है कि इस समय भद्रा पाताल लोक में हैं और हम पृथ्वी लोक में इसलिए भद्रा का नियम हम लोगों पर लागू नहीं होता. वहीं, कुछ अन्य विद्वानों का कहना है कि पूर्णिमा 12 अगस्त को प्रातः तक रहेगी. उदया तिथि को देखते हुए 12 अगस्त को सूर्यास्त होने तक रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है.
हालांकि,निर्णयसिंधु में स्पष्ट रूप से लिखा है, कि इदं तु प्रतिपद्-युक्तियां न कार्यम् यानी रक्षाबंधन प्रतिपदा युक्त पूर्णिमा में नहीं करना चाहिए. रतिपदा युक्त पूर्णिमा में रक्षाबंधन नहीं करना चाहिए, इसलिए बहनें अपने भाइयों को 11 अगस्त को रात्रि में भद्रा के बाद 8 बजकर 52 मिनट पर राखी बांधे, न कि 12 अगस्त को. 12 अगस्त को श्रावणी कर्म किया जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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