धनतेरस का त्योहार इस बार 23 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी के साथ उनकी प्रिय चीजों की पूजा करने से वे प्रसन्न होकर सदा के लिए घर में वास करती हैं. धनतेरस के दिन कुबरे देव और धन्वंतरी देव की पूजा का भी विधान है. इस दिन शाम के समय कुछ चीजों को भूलकर भी न करें.
कहा जाता है कि किसी खास दिन या पूजा-अनुष्ठान आदि के बाद घर को खाली नहीं छोड़ना चाहिए. धनतेरस के दिन से मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है. ऐसे में शास्त्रों में कहा गया है कि धनतेरस पर घर को भूलकर भी खाली न छोड़ें. कई बार लोग इस दिन घर में ताला लगाकर शॉपिंग के लिए चले जाते हैं. लेकिन व्यक्ति को ऐसा भूलकर भी नहीं करना चाहिए. धनतेरस की शाम घर का कोई एक सदस्य घर में अवश्य रहें.
धनतेरस की शाम को महत्वपूर्ण माना जाता है. कहते हैं कि इस दिन शाम के दिन किसी भी प्रकार का लेन-देन न करें. धनतेरस का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है. ऐसे में शाम के समय किसी भी व्यक्ति के साथ लेन-देन न करें. इससे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है.
शास्त्रों में लिखा है कि मां लक्ष्मी को सफेद रंग बेहद प्रिय है. ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने के लिए सफेद रंग की चीजों का ही इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन धनतेरस के दिन शाम के समय किसी को भी सफेद रंग की चीज का दान न करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और घर के बाहर से ही चली जाती हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शाम के समय ही मां लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं. ऐसे में उनके स्वागत के लिए कुछ चीजों का खास ध्यान रखा जाता है. शास्त्रों में लिखा है कि शाम के समय घर में दीपक प्रज्जवलित करना चाहिए. शाम के समय यम के नाम का दीपक जलाया जाता है. इस दिन दक्षिण दिशा की ओर यमराज और पितरों का ध्यान करके हुए दीपक जलाएं. इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही, अकाल मृत्यु का भय भी खत्म हो जाता है.
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