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How To Get Rid Of Pitra Dosh In Hindi: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में कुछ दोष ऐसे होते हैं, जो सुख-चैन घर की समृद्धि, धन दौलत आदि सब कुछ छीन लेते हैं. ज्योतिष शास्त्र में पितृदोष को बहुत ही घातक और दुखदायी बताया गया है. कहते हैं कि जिस व्यक्ति या घर पर पितृदोष होता है उसके घर में परिवार के सदस्य कभी भी तरक्की नहीं कर पाते. इसके पीछे कई कारणों के बारे में बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को दूर करने के लिए कई उपायों का जिक्र किया गया है. इनमें कुछ उपाय तो तुंरत ही असर दिखाते हैं और व्यक्ति को जल्द ही राहत मिलती है. ज्योतिष अनुसार पितृ दोष को दूर करने के लिए 10 उपायों के बारे में बताया गया है, जानें इनसे मिलने वाले लाभ के बारे में.
कुंडली में पितृ दोष दूर करने के उपाय
1. अगर किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष बन रहा है, तो ऐसे में जातक को घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर पितरों की फोटो लगाकर हार चढ़ाएं और उनकी नियमित पूजा स्तुति करें. इससे व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितृदोष से मुक्ति मिलती है.
2. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितरों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंद लोगों और गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराएं.
3. जितना संभव हो इस दिन सामर्थ्यनुसार गरीबों को वस्त्र और अन्न का दान करें इससे आपके दोष मिटते हैं.
4. पीपल के पेड़ पर दिन में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल अर्पित करें. पितरों का इस दिन स्मरण करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें.
5. पितृ दोष से मुक्ति के लिए शाम के समय दीप जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र का पाठ करें. इन उपायों को करने से पितृ दोष की शांति होती है.
6. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सोमवार सुबह स्नान करें और नंगे पैर शिव मंदिर में जाएं. वहां जाक आक के 21 पुष्प, कच्ची लस्सी, बिल्वपत्र के साथ शिव जी की पूजा करें. 21 सोमवार इस उपाय को करने से पितृदष के प्रभाव कम होने लगते हैं.
7. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ दोष से मुक्ति के लिए नियमित रूप से इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करें. इससे पितृ दोष का शमन होता है.
8. अगर किसी जातक की कुंडली में पितृदोष है, तो किसी गरीब कन्या के विवाह या फिर किसी की बीमारी में सहायता करने पर विशेष लाभ प्राप्त होता है.
9. पितृ दोष निवारण के लिए ब्राह्मणों को प्रतीकात्मक गोदान, गर्मी में पानी पिलाने के लिए कुंए या फिर राहगीरों के लिए जल आदि की व्यवस्था करने पर व्यक्ति को पितृदोष से छुटकारा मिलता है.
10. पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल और बरगद के पेड़ लगाएं. साथ ही, भगवान विष्णु के मंत्र जाप, श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. इससे पितृदोष से कमी आती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)