मक्का और मदीना में हरियाली, मौसम बदलने का नतीजा या कयामत की निशानी? जानें
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मक्का और मदीना में हरियाली, मौसम बदलने का नतीजा या कयामत की निशानी? जानें

Greenri in Saudi Arabia: सऊदी अरब के मक्का और मदीना शहर में घास उग आई है. कुछ लोग इसे मौसम का बदलाव कह रहे हैं तो कुछ लोग इसे कयामत की निशानी बता रहे हैं.

मक्का और मदीना में हरियाली, मौसम बदलने का नतीजा या कयामत की निशानी? जानें

Greenri in Saudi Arabia: दुनियाभर के मुसलमान सऊदी अरब के दो शहरों मक्का और मदीना को बहुत ही पवित्र मानते हैं. ऐसे में सऊदी अरब में पहली बार एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां दोनों शहरों में हरियाली देखने को मिल रही है. इससे पहले यहां गर्म रेगिस्तान हुआ करता था. कुछ लोगों का मानना है कि मक्का मदीना में हरियाली यहां पिछले साल हुई बारिश की वजह से है तो कुछ लोगों के कहना है कि यह कयामत की निशानी है जिसकी भविष्यवाणी मोहम्मद स0 ने की थी.

मौसम बदलने से आई खास

सोशल मीडिया पर इससे जुड़े वीडियो भी वायरल हो रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि पहाड़ों और मैदानों में हरियाली है. दावा है कि यह हरियाली सेटेलाइट से भी नजर आ रही है. वीडियो में कुछ जानवर भी नजर आ रहे हैं. सऊदी अरब काफी गर्म इलाका है. ऐसे में यहां हरियाली दिखाई देना हैरत की बात है. लेकिन लोगों का दावा है कि यहां पिछले साल हुई जोरदार बारिश की वजह से मौसम बदला जिसकी वजह से यहां घास उग आई है.

कयामत की निशानी है हरियाली

एक रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब के मकामी बाशिंदे कह रहे हैं कि मक्का मदीना में हरियाली कयामत का संकेत है. कहा जाता है कि मोहम्मद स0 ने 1400 साल पहले कहा था कि "अंतिम समय तब तक नहीं आएगा जब तक कि अरब की धरती घास के मैदान और नदियों से भर जाएगी". जबकि मौसम वैज्ञानिक कह रहे हैं कि मक्का मदीना में हरियाली अचानक बारिश और बाढ़ आने का नतीजा है.

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पहले भी बदला है मौसम

सऊदी अरब के मौसम विज्ञानी का कहना है कि "आप आवश्‍यक रूप से यह नहीं कह सकते हैं कि सऊदी अरब में भारी बारिश की वजह जलवायु परिवर्तन है. मौसम हमेशा से ही बदलता रहा है लेकिन दुनियाभर में इस तरह का बहुत ही खराब मौसम पूरी दुनिया में बढ़ रहा है."

पिछले साल हुई बारिश

ख्याल रहे कि सऊदी अरब काफी गरम इलाका है. यहां गर्मियों में औतस तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रहता है. इस दौरान केवल 2 से 3 मिलीमीटर ही बारिश होती है. लेकिन यहां पिछले साल दिसंबर में जबरदस्त बारिश हुई. कई इलाकों में बाढ़ आ गई. मक्का आने वाले मुसलमानों को बाढ़ के पानी से गजरना पड़ा.

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