Taslima Nasreen Exclusive: मैं अपनी बात नहीं रख पा रही हूं, पाकिस्तानी आतंकी दे रहे हैं धमकी
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Taslima Nasreen Exclusive: मैं अपनी बात नहीं रख पा रही हूं, पाकिस्तानी आतंकी दे रहे हैं धमकी

Taslima Nasreen Exclusive: हाल ही में लेखक सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला हुआ था. इस पर कई बड़े लेखकों ने अपने विचार रखे थे. इन्हीं में से एक तसलीमान नसरीन भी शामिल हैं. तसलीमा नसरीन से Zee 24 Ghanta ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें भी जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. देखिए

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Taslima Nasreen: सलमान रुश्दी के बाद अब जानी मानी लेखिका तस्लीमा नसरीन पर भी जान खतरा. तस्लीमा को जान से मार देने की धमकी मिली है. तसलीमा नसरीन ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है. हाल ही में न्यू यॉर्क में विवादित लेखक सलमान रुश्दी पर हमला हुआ. जिसके बाद से तस्लीमा नसरीन को भी अपनी जान का खतरा है. तस्लीमा नसरीन ने सलमान रुश्दी पर हमले की कड़ी निंदा की थी और उसी के बाद तस्लीमा को भी जान से मारने की धमकी मिल रही है. 

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के एक कट्टरपंथी गुट की तरफ से यह धमकी मिली है. तस्लीमा का आरोप है कि उन्हें धमकी भरा वीडियो भी भेजा गया है. ज़ी 24 घंटा को फोन पर दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में तस्लीमा ने बताया कि मेरी सोच पर बाधा डाली जा रही है. सोशल मीडिया में भी अपना मत नहीं रख पा रही हूं. मेरे खिलाफ फतवा जारी किया जाएगा कभी नहीं सोचा था. उन्होंने कहा कि आलोचना के बिना समाज में तरक्की नहीं होती. मुझे पाकिस्तान के आतंकी लगातार धमकी दे रहे हैं, लेकिन मैं डर के घर पर नहीं बैठूंगी, डर से मैं अपना मुंह बंद नहीं करुंगी.

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तस्लीमा नसरीन 1990 के दशक में दुनिया की नजरों में तब आईं जब उनके अपने देश बांग्लादेश में उनके खिलाफ 'इस्लाम के अपमान' का आरोप लगा. उन्होंने अपनी जीवनी में मुस्लिम समाज में व्याप्त कुरीतियों और धार्मिक कट्टरता का जिक्र किया था. जिससे गुस्साए मौलानाओं ने फतवे पर फतवे जारी कर दिए. उनकी किताबों पर अदालतों से बैन लगने लगे. उधर, मुसलमानों का कट्टरपंथी धड़ा उन्हें जान से मारने की फिराक में जुट गया. हालत ऐसे हुए कि उन्हें अपना देश तक छोड़ना पड़ा.

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तसलीमा के खिलाफ गर्दन काटने का फतवा जारी किया गया तो सरकार की तरफ से उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी हो गया. यह सब 1993 में उनकी किताब 'लज्जा' प्रकाशित होने की वजह से हुआ. तस्लीमा ने भागकर पश्चिमी देशों में पनाह ली. दुनियाभर का चक्कर काटकर तस्लीमा ने भारत को ही आखिरी ठिकाना बना लिया है. वो भारतीय नागरिकता पाने की लगातार जद्दोजहद कर रही हैं. उन्हें भारतीय नागरिकता तो नहीं मिल पाई है, लेकिन स्वीडन की नागरिकता हासिल करने में उन्हें सफलता जरूर मिल गई है. वो ज्यादातर वक्त भारत में ही बिताती हैं.


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