National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामला दरअसल नेशनल हेराल्ड पेपर से जुड़ा हुआ है. भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी का इल्जाम है कि 2 हजार करोड़ रुपए की बिंल्डिंग को अपने नाम करने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने गलत तरीका अपनाया.
Trending Photos
National Herald: नेशनल हेराल्ड शब्द कई सालों से सुनने में आ रहा है. इस शब्द से गांधी परिवार का नाम जुड़ता रहा है. नेशनल हेराल्ड मामले में ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और उनकी मां सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को नोटिस भेजा है. जल्द ही दोनों ED के सामने पेश होंगे और उसके सवालों के जवाब भी देंगे. क्या है नेश्नल हेराल मामला और गांधी परिवार का नाम इसमें क्यों आ रहा है. इस खबर में हम आपको इन्हीं सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे.
साल 1938 में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने Associate Journal Limited (AJL) नाम की एक कंपनी बनाई. यह कंपनी नेशनल हेराल्ड नाम का अख्बार निकालती थी. इस अख्बार के नाम से ही नेशनल हेराल्ड मामला सुर्खियों में है. बताया जाता है कि कंपनी अख्बार निकालती थी इसलिए इसे कई जगहों पर सरकार से सस्ती कीमत में जमीन मिल गई.
सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एक कंपनी बना कर (AJL) को खरीदा और उसकी 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को अपने नाम करने की कोशिश की. इसके बाद फरवरी 2011 में 5 लाख रुपये की लागत से यंग इंडिया कंपनी बनाई गई. इसमें राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मोतीलाल वोरा समेत ऑस्कर फर्नांडीज की हिस्सेदारी थी. मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज अब इस दुनिया में नहीं हैं. यंग इंडिया कंपनी ने एसोसिएट जर्नल लिमिटेड की 90 करोड़ की देनदारियों को अदा करने का वादा किया.
यह भी पढ़ें: UP Board Result: खत्म हुआ छात्रों का इंतेजार, 18 जून को सामने आ सकते हैं नतीजे
बताया जाता है कि लोन चुकाने के बदले में 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर 'यंग इंडिय' को दिए गए. इसके बाद यंग इंडिया को AJL कंपनी के 99 फीसद शेयर मिल गए. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने AJL के 90 करोड़ रुपये के लोन को माफ कर दिए. इस तरह से राहुल गांधी और सोनिया गांधी की कंपनी यंग इंडिया को मुफ्त में AJL का स्वामित्व मिल गया.
साल 2012 में इस मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने ट्रायल कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की. उन्होंने अपनी अर्जी में इल्जाम लगाया कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरह से यंग इडिया लिमिटेड के जरिए जर्नल लिमिटेड का अधिग्रहण किया. स्वामी का यह भी आरोप है कि यह सारा मामला दिल्ली में मौजूद हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था.
Video: