Sukhbir Singh Attack Update: सुखबीर सिंह बादल पर हमला हुआ और इस दौरान उनकी जान एक शख्स ने बचाई जो उनके बराबर में ही खड़ा था. आखिर वह कौन शख्स था. आइये जानते हैं पूरी डिटेल
Trending Photos
Sukhbir Singh Attack Update: गोल्डन टेंपल में सुखबीर सिंह बादल पर हमला हुआ. जिसमें, वह बाल बाल बच गए. उनकी जान बचाने का श्रेय उस शख्स को जाता है जो उनकी बराबर में खड़ा था. जैसे ही आरोपी ने गोली चलाई वैसे ही यह शख्स सामने आ गया और बंदूकधारी को पीछे हटा दिया.
सेवादार (एसजीपीसी द्वारा नियुक्त स्वयंसेवक) जैसी पोशाक पहने यह पंजाब पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) जसवीर सिंह है ने मंदिर के एंट्री गेट पर व्हीलचेयर पर बैठे शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की हिफाजत की.
अमृतसर सिटी पुलिस में कार्यरत जसवीर को सुखबीर की सुरक्षा के लिए सादे कपड़ों में तैनात किया गया था क्योंकि वह अपने बाल या दाढ़ी नहीं कटवाते हैं. चूंकि सिखों की “मर्यादा” (धार्मिक प्रोटोकॉल) के अनुसार पवित्र तीर्थस्थल में वर्दीधारी पुलिसकर्मियों को जाने की इजाजत नहीं है.
The gentleman with sharp eyes and excellent reflexes saved Mr Sukhbir Badal or else at such close range it would have been life threatening. What a pity that it happened at a hugely respected place pic.twitter.com/vPR0uM2JFr
— Maj Gen Raju Chauhan, VSM (veteran (@SoldierNationF1) December 4, 2024
सुखबीर सिंह बादल को जेड-प्लस सुरक्षा मिली हुई है और वह उनकी करीबी सुरक्षा टीम का हिस्सा थे। वह सुखबीर के दाहिनी ओर खड़े थे, उन्होंने काले रंग की टोपी और गहरे नारंगी रंग की पगड़ी के साथ सफेद कुर्ता-पायजामा पहना हुआ था. उनकी शक्ल-सूरत से वह शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के स्वयंसेवकों जैसा लग रहा था, जो स्वर्ण मंदिर का प्रबंधन करती है.
जसवीर ने सीनियर अकाली नेता पर खतरे को भांप लिया और हमलावर पर झपटा, उसके हाथ पकड़े और उन्हें ऊपर की ओर धकेला, जिसके बाद अन्य सुरक्षाकर्मियों और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) टास्क फोर्स के सदस्यों की मदद से हमलावर पर काबू पा लिया गया.
जसवीर ने घटना के बाद रिकॉर्ड किए गए वीडियो में कहा, "हमारे अधिकारियों ने हमें पहले ही बता दिया था कि कुछ शरारती तत्व कुछ अप्रिय कर सकते हैं. इसलिए, हम दरबार साहिब की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अपना कर्तव्य निभाते हुए सतर्क थे. इस जगह पर हम किसी की तलाशी नहीं ले सकते, न ही किसी को रोक सकते हैं."
उन्होंने आगे कहा,"जब शूटर ने पिस्तौल निकालनी शुरू की, तो हमने तुरंत उसे घेर लिया और उसकी पिस्तौल छीनकर उसे गिरफ्तार कर लिया." जसवीर ने अपनी जान जोखिम में डालकर हमलावर को काबू में कर लिया. इस हाथापाई में बंदूक से गोली चल गई और गोली सुखबीर के पीछे स्थित धर्मस्थल के एंट्री गेट पर लगी, जिससे वह बाल-बाल बच गए.