Bangladesh News: शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं, जब उन्होंने छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश छोड़ दिया था और भारत आ गईं.
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Bangladesh News: बांग्लादेश और भारत के बीच रिश्ते लगातार खराब होते जा रहे हैं. इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत सरकार से शेख हसीना समेत कई लोगों को वापस बांग्लादेश भेजने की गुजारिश की है. गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि हम उन लोगों को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं, जो मानवाता के खिलाफ अपराध के आरोप में आईसीटी में मुकदमे का सामना कर रहे हैं.
100 से ज्यादा आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी
उन्होंने यह टिप्पणी सरकार द्वारा 100 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए उठाए गए कदमों पर एक सवाल का जवाब देते हुए की, जिनके खिलाफ आईसीटी ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य और नागरिक अधिकारियों के खिलाफ 'मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार' के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
इससे पहले भी प्रत्यर्पण की गई थी मांग
इससे पहले भी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए नई दिल्ली को एक राजनयिक नोट भेजा था. गृह सलाहकार ने कहा कि वे देश में रहने वाले लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं, जबकि विदेश में रहने वाले अन्य लोगों को वापस लाने के प्रयास जारी हैं.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं, जब उन्होंने छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश छोड़ दिया था. इन व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद उनकी पार्टी अवामी लीग की 16 साल पुरानी सरकार गिर गई थी और वह बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई, जिसके बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते लगातार खराब चल रहे हैं. हसीना पर कई संगीन इल्जाम लगे हैं.
पासपोर्ट भी हो चुका है रद्द
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने जुलाई में जबरन गायब किए गए लोगों और हत्याओं में कथित संलिप्तता के लिए हसीना और 96 अन्य लोगों के पासपोर्ट पहले ही रद्द कर दिए हैं. दिसंबर में, बांग्लादेश ने आधिकारिक तौर पर हसीना की देश में वापसी की मांग की ताकि 'जुलाई-अगस्त विद्रोह' नामक भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान सामूहिक हत्याओं के आरोपों पर मुकदमा चलाया जा सके. बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने अब तक दो गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.