VPN In Pakistan: पाकिस्तानी मौलाना ने VPN पर दिया फतवा; अब मचा बवाल
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2518104

VPN In Pakistan: पाकिस्तानी मौलाना ने VPN पर दिया फतवा; अब मचा बवाल

VPN in Pakistan: बीते रोज इस्लामिक विचारधारा परिषद (CII) ने पाकिस्तान में VPN के इस्तेमाल को गैर इस्लामिक बताया था. लेकिन अब इस पर कई मौलाना ने ऐतराज जताया है.

VPN In Pakistan: पाकिस्तानी मौलाना ने VPN पर दिया फतवा; अब मचा बवाल

VPN in Pakistan: पाकिस्तान सरकार ने अपने यहां कई गैर कानूनी वेबसाइटों पर पाबंदी लगा दी है. लेकिन पाकिस्तान के लोग वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) के जरिए इन वेबसाइटों तक पहुंच बना रहे हैं. इस पर बीते रोज इस्लामिक विचारधारा परिषद (CII) ने कहा कि VPN का इस्तेमाल गैरइस्लामिक है. आज उनके बयान की आलोचना हो रही है. 

VPN वाले बयान पर नाराजगी
इस्लामिक विचारधारा परिषद (CII) की तरफ से VPN के इस्तेमाल को गैर कानूनी बताने वाले बयान पर पाकिस्तान के लोग नराज हो गए हैं. डॉन अख़बार के मुताबिक, CII के प्रमुख रागिब नईमी ने कहा कि "अनैतिक या अवैध सामग्री" तक पहुंचने के लिए VPN का इस्तेमाल करना शरिया के खिलाफ है. शनिवार को सोशल मीडिया पर एक बयान में, एक प्रमुख धार्मिक विद्वान मौलाना तारिक जमील ने कहा कि अगर वयस्क सामग्री या ईशनिंदा वाली सामग्री देखना एक मुद्दा है, तो VPN को ऐसा लेबल देने से पहले मोबाइल फ़ोन को गैर-इस्लामी घोषित किया जाना चाहिए.

शिया संगठन का सरकार पर हमला
शिया संगठन मजलिस वहदत मुस्लिमीन (MWM) के प्रमुख सीनेटर अल्लामा नासिर अब्बास ने कहा कि देश पर एक "अक्षम और भ्रष्ट अभिजात वर्ग" का शासन है, जो लोगों के सच्चे प्रतिनिधि भी नहीं हैं. सीनेटर अब्बास ने कहा, "वे इस तरह से कानून बनाते हैं और अपनी मर्जी के मुताबिक फरमानों का इस्तेमाल करते हैं." दूरसंचार कंपनी नयाटेल के CEO वहाज सिराज ने कहा कि तकनीक हमेशा तटस्थ रही है और केवल इसका उपयोग या दुरुपयोग ही इसे 'हलाल या हराम' बनाता है. 

यह भी पढ़ें: पाबंदी के बावजूद VPN के जरिये पोर्न साईट देख रहे हैं पाकिस्तानी; मौलाना ने दिया फतवा

बैन नहीं किया जा सकता VPN
वीपीएन का मुद्दा तब सामने आया जब आंतरिक मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया निगरानी संस्था पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण से उनके अवैध उपयोग के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा क्योंकि उनका इस्तेमाल आतंकवाद के लिए किया जा रहा था. डिजिटल राइट्स फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक निगहत दाद ने कहा कि वीपीएन को ब्लॉक करने की कार्रवाई संविधान में दिए गए निजता के अधिकारों के "विरोधाभासी" है. निगहत दाद ने दावा किया, "यह कदम केवल कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को लक्षित करने के लिए था." 

Trending news