Sambhal News: संभल के रहने वाले मोहम्मद गयूर ने संभल प्रशासन पर बिना बताए बुलडोजर से फैक्ट्री तोड़ने का इल्जाम लगाया है. गयूर ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सुनने से मना कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने सलाह देते हुए कहा है कि इस मामले को हाई कोर्ट में पेश करें. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें
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Sambhal News: संभल में शाही जमामस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा के दौरान पुलिसिया कार्रवाई पर लोग सवाल खड़े कर रहे थे. इस मामले की जांच न्यायिक जांच टीम कर रही है. अब संभल से जुडी एक बड़ी खबर सामने आई है. संभल के रहने वाले मोहम्मद गयूर ने संभल में बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया था. खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने याचिका कर्ता को इस मामले को हाई कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है.
नोटिस दिए बिना तोड़ा फैक्ट्री
अभियोजक मोहम्मद गयूर ने सुप्रीम कोर्ट में संभल प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर किया था. याचिका में संभल प्रशासन पर गंभीर इल्जाम लगाई गई थी. याचिका में बताया गाया था कि संभल प्रशासन बीना बताए उनकी फैक्ट्री पर बुलडोजर चलाया. इस कार्रवाई के पहले प्रशासन के तरफ से कोई नोटिस नहीं दी गई थी, न हमें अपनी बात रखने का मौका दिया गया.
डीएम पर हो कार्रवाई
गयूर ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसला का रिफ्रेंस दिया था. याचिका में सुप्रीम कोर्ट के तरफ से बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ दी गई फैसले का जिक्र था. अभियोजक ने प्रशासन पर कोर्ट के आदेश की अवहेला का इल्जाम लगाया था. साथ ही संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया, एसडीएम, CDO और तहसीलदार को आरोपि बनाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. लेकिन कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया और हाई कोर्ट जाने की सलाह दे दिया है.
बुलडोजर कार्रवाई गैर कानूनी: सुप्रीम कोर्ट
गौरतलब है कि साल 2024 के नवंबर में जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की पीठ ने एक मामले की सुनवाई करते हुए बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाई थी. साथ ही उन्होंने फैसला सुनाते वक्त कहा था कि यह आदेश सिर्फ राज्य के लिए नहीं है बल्कि पूरे देश के लिए है. जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की पीठ ने पुलडोजर कार्रवाई को असंवैधानिक बताया था. हालांकि कुछ मामलो में कार्रवाई करने की इजाजत थी.