नॉन- मुस्लिम लड़की शादी के लिए राज़ी फिर भी भोपाल कोर्ट में मुस्लिम युवक की पिटाई !
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नॉन- मुस्लिम लड़की शादी के लिए राज़ी फिर भी भोपाल कोर्ट में मुस्लिम युवक की पिटाई !

Muslim Youth Beaten Up in Bhopal Court: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के कोर्ट में शादी के लिए आये एक हिन्दू लड़की- मुस्लिम लड़के को पकड़ कर कुछ लोगों ने पिटाई की. लड़के से माफ़ी मंगवाई गई.  दोनों जोड़ा नरसिंहपुर से शादी करने के लिए भोपाल आया था. 

नॉन- मुस्लिम लड़की शादी के लिए राज़ी फिर भी भोपाल कोर्ट में मुस्लिम युवक की पिटाई !

भोपाल: 7 फरवरी को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोर्ट परिसर के अन्दर कुछ लोगों ने एक मुस्लिम नौजवान की पिटाई की. नौजवान पर इलज़ाम है कि वो किसी हिन्दू लड़की से कोर्ट में शादी करने के लिए भोपाल आया था. सैयद नाम का युवक नरसिंहपुर जिले के पिपरिया का रहने वाल बताया जा रहा है. लड़की वैष्णवी दुबे भी उसी इलाके की रहने वाली है. 

शुक्रवार की सुबह जब दोनों भोपाल के जिला अदालत में अपनी शादी के लिए पहुंचे तो हिंदूवादी संगठन के कुछ लोगों ने उन दोनों को पकड़ लिया. फिर उन लोगों ने लड़के की जमकर पिटाई की और उससे माफ़ी मंगवाया की अब से ये लव जिहाद नहीं करेगा..

उन दोनों को जब MP नगर पुलिस स्टेशन पूछताछ के लिए लाया गया , तो पुलिस के सामने लड़की ने बयान दिया कि वो तीन साल से लड़के के साथ रिलेशनशिप में रह रही है, और अपनी मर्ज़ी से उससे शादी करना चाहती है. उसपर कोई जोर ज़बरदस्ती नहीं की गयी है.

वकीलों द्वारा सूचना दी गई: ACP अक्षय चौधरी

इस मामले में ACP अक्षय चौधरी ने बताया कि न्यायालय से वकीलों द्वारा सूचना दी गई थी दो अलग-अलग समुदाय के युवक-युवती घूम रहे हैं. वकीलों की सूचना पर दोनों को थाने लाया गया है. यानी हिन्दूवादी संगठनों को भी सूचना वकीलों ने ही दी होगी.  

कांग्रेस ने पिटाई पर जताया ऐतराज 

इस पूरे मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने कोर्ट परिसर में मुस्लिम युवक की लव जिहाद के नाम पर पिटाई पर ऐतराज जताया है. पटेल ने कहा कि पिटाई करने का अधिकार किसने दिया है. अगर कानून में किसी को कोर्ट मैरिज करने का अधिकार है, तो फिर कोई किसी को नहीं रोक सकता है. 

पिटाई पर कांग्रेस के विरोध पर भाजपा का पलटवार 

वहीँ,  प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता शिवम शुक्ला ने कहा,  "धर्मांतरण और लव जिहाद को बढ़ावा देने का काम कांग्रेस के लोग करवा रहे हैं. इनके पीछे कांग्रेस के लोगों का हाथ होता है. ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार का अभियान जारी है." 

अंतर धार्मिक शादियों पर क्या कहता है कानून ? 

देश का कानून किसी भी बालिग़ लड़के या लडकी को अपनी मर्ज़ी का जीवन साथी चुनने का अधिकार देता है. अगर उनमे से किसी के साथ कोई जोर- ज़बरदस्ती या छल-कपट नहीं किया गया हो, तो वो आपसी रजामंदी से शादी करने के लिए स्वतंत्र है, चाहे उन दोनों का जाति या मजहब अलग-अलग ही क्यों न हो? कानून के इसी प्रावधानों का लाभ उठाकर हिन्दू लड़के या पुरुष मुस्लिम लड़कियों से शादी कर रहे हैं. बड़े- बड़े और अमीर मुसलमान भी इसी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हिन्दू लड़कियों से शादी करते हैं. कोर्ट ऐसी शादियों पर होने वाले खतरे के मद्देनज़र उन अंतरधार्मिक जोड़ों को पुलिस सुरक्षा भी मुहैया करता है, लेकिन अगर कोई शादी करने वाला कोई गरीब मुसलमान हो और लड़की हिन्दू हो तो कोर्ट, वकील, पुलिस और आम नागरिक सभी खिलाफ हो जाते हैं.  छपरी टाइप मुसलमानों की अंतर्धार्मिक शादियों और प्रेम संबंधों को पूरे मुस्लिम समाज का चरित्र बताकर लव जिहाद का इलज़ाम लगाया जाता है.  

मुजरिम भी कानूनी ट्राइल का होता है हकदार 

 देश का संविधान इस बात की गारंटी देता है कि बिना कानूनी और उचित प्रक्रिया के राज्य किसी भी नागरिक की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और उसके जीवन के अधिकार को नहीं छीन सकता है. यानी सुरक्षा की ये गारंटी अपराधियों को भी मिली है. लेकिन देश की पुलिस और वकील जैसे कानून लागू करने वाली मिशनरी के साथ ही आम आदमी अब खुलेआम कानून और संविधान की धज्जियाँ उड़ा रहा है. जब संविधान का ये चीरहरण इन्साफ के मंदिर में होने लगे तो ये समझा जाना चाहिए की राज्य अपनी जिम्मेदारियां निभाने में नाकाम हो चुका है और नागरिक हिंसक भीड़ में बदल गयी है.  

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