Pakistan News: पाकिस्तान के पुर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत दर्ज हुआ है. पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बाहर होने के बाद से इमरान खान कथित तौर पर देश भर में 150 मामलों का सामना कर रहे हैं.
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Pakistan News: पाकिस्तान के एक स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 9 मई को रावलपिंडी में पाक सेना के जनरल मुख्यालय पर हमले के लिए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को छह मामलों में नामित किया गया है. जिनमें सख्त आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत तीन मामले शामिल हैं.
पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान के समर्थकों ने कथित तौर पर 9 मई को रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के (JHQ) के दरवाजा तोड़ दिया गया था. जिसे देश की सेना ने काला दिन करार दिया था.
पाकिस्तान के जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से कहा कि संयुक्त जांच दल (JIT) सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले और मेट्रो स्टेशन पर आगजनी की घटना सहित सभी मामलों की जांच कर रहा है.
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के मुताबिक सूत्रों ने जियो न्यूज को बताया कि इनमें से तीन मामले 70 वर्षीय इमरान खान के खिलाफ 9 मई को जबकि अन्य तीन 10 मई को आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत दर्ज किए गए थे.
जानकारी के लिए बता दें कि भ्रष्टाचार के एक मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से उनकी नाटकीय गिरफ्तारी के बाद 9 मई को देश भर में भड़की हिंसा के बाद इमरान खान की पार्टी मुश्किल में फंस गई है. पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बाहर होने के बाद से इमरान खान कथित तौर पर देश भर में 150 मामलों का सामना कर रहे हैं.
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटों बाद इमरान खान की पार्टी के समर्थकों ने लाहौर में कोर कमांडर के घर पर भी कथित तौर पर हमला किया और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया था. जिसे शुरू में जिन्ना हाउस के नाम से जाना जाता था. जो कभी कायद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना का निवास हुआ करता था.
बता दें कि हिंसा में 20 से अधिक नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया. जिसमें 10 से अधिक लोग मारे गए. जब हिंसा हुई तब खान हिरासत में थे.
सूत्रों ने आगे कहा कि "मामले फैसलाबाद के सिविल लाइंस, समानाबाद, आरए बाजार और रावलपिंडी के न्यू टाउन पुलिस स्टेशनों, मियांवाली के सिटी पुलिस स्टेशन और गुजरांवाला के पुलिस स्टेशन कैंट में उनके संबंधित पुलिस अधिकारियों की ओर से दर्ज किए गए थे."
रावलपिंडी में 28 मामलों में से किसी में भी क्रिकेटर से नेता बने क्रिकेटर का नाम नहीं लिया गया था. सूत्रों ने बताया कि उनका नाम शामिल करने का निर्णय जांच के तहत संदिग्धों द्वारा दिए गए बयानों और कानूनी विशेषज्ञों के परामर्श से सामने आया है.
आपको बता दें कि JHQ और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले से संबंधित मामले आरए बाजार और न्यू टाउन पुलिस स्टेशनों में केस दर्ज किए गए थे.
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