Malegaon Blast Case: कर्नल पुरोहित को बॉम्बे HC से झटका; आरोपमुक्त करने की अर्ज़ी ख़ारिज
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Malegaon Blast Case: कर्नल पुरोहित को बॉम्बे HC से झटका; आरोपमुक्त करने की अर्ज़ी ख़ारिज

Malegaon Blast Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया है. पुरोहित ने मालेगांव विस्फोट मामले में स्पेशल एनआईए अदालत द्वारा तय किए गए आरोपों के खिलाफ पिटीशन दायर की थी. 

Malegaon Blast Case: कर्नल पुरोहित को बॉम्बे HC से झटका; आरोपमुक्त करने की अर्ज़ी ख़ारिज

Malegaon Blast Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया है. पुरोहित ने मालेगांव विस्फोट मामले में स्पेशल एनआईए अदालत द्वारा तय किए गए आरोपों के खिलाफ पिटीशन दायर की थी. इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट की बेंच ने पाया है कि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित, अभिनव भारत समूह की बैठकों में हिस्सा लेने के दौरान भारतीय सेना के एक अफ़सर के रूप में कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर रहे थे, जैसा कि NIA ने इल्ज़ाम लगाया था. हालांकि, जस्टिस ए एस गडकरी और जस्टिस प्रकाश नाइक की बेंच ने उनकी अर्ज़ी को ख़ारिज करते हुए कहा कि मंजूरी की जरूरत नहीं है, क्योंकि वह ऑफिशियली ड्यूटी पर नहीं थे.

पुरोहित की वकील ने दी दलील
पुरोहित की वकील नीला गोखले ने कहा कि जिस दिन कथित अपराध हुआ उस दिन वह सरकारी अधिकारी थे और कानूनी तरीके से अपने कर्तव्य का पालन कर रहे थे; इसलिए अभियोजक एजेंसी को उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के लिए सक्षम प्राधिकार से अनुमति लेनी चाहिए. बता दें कि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित की अपील का प्राथमिक आधार भारतीय सेना से सीआरपीसी की दफा 197(2) के तहत मामले में केस चलाने के लिए मंजूरी की कमी थी, हालांकि, नेशनल जांच एजेंसी ने दलील दी कि किसी मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि उसके कार्य उसके कर्तव्य के निर्वहन में नहीं थे.

2008 को मालेगांव में हुआ था ब्लास्ट
ग़ौरतलब है कि 29 सितंबर 2008 को नार्थ महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में बम धमाका हुआ था. जिसमें से छह लोगों की जान चली गई थी और 100 से ज्यादा जख्मी हो गए थे.महाराष्ट्र पुलिस की शुरुआती जांच के अनुसार हमले में इस्तेमाल मोटरसाइकिल ठाकुर के नाम रजिस्टर्ड थी जिसकी बुनियाद पर उनकी गिरफ्तारी हुई. इस मामले की जांच बाद में NAIने अपने हाथ में ली और इस वक़्त सभी मुल्ज़िमीन ज़मानत पर हैं.

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