कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने बीदर किले को बताया अपनी प्रोपर्टी, 17 स्मारकों पर ठोका दावा; ASI हैरान!
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2503162

कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने बीदर किले को बताया अपनी प्रोपर्टी, 17 स्मारकों पर ठोका दावा; ASI हैरान!

Waqf Property Controversy: कर्नाटक वक्फ बोर्ड के एक ऐलान से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) पूरी तरह से हैरान है. दरअसल कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने बीदर किले को अपनी प्रोपर्टी बताकर उसमें मौजूद 17 स्मारकों पर अपना दावा ठोक दिया है. 

कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने बीदर किले को बताया अपनी प्रोपर्टी, 17 स्मारकों पर ठोका दावा; ASI हैरान!

Karnataka waqf board Property: कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने कर्नाटक के ऐतिहासिक बीदर किले के अंदर 17 स्मारकों को अपनी संपत्ति के रूप में पहचाना है, जिला प्रशासन के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि "ये संपत्तियां जिला मुख्यालय शहर बीदर में मौजूद किले के प्रमुख स्थलों में से है. किले के संरक्षक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को इस घटनाक्रम की जानकारी नहीं है". सूत्रों ने कहा कि "बीदर किला परिसर में 60 संपत्तियों में से वक्फ बोर्ड ने 17 संपत्तियां को अपना बताकर उसपर दावा ठोक दिया है. इनमें प्रसिद्ध 16 खंबा मस्जिद, विभिन्न बहमनी शासकों और अहमद शाह-IV, अहमद शाह की पत्नी, अलाउद्दीन, हसन खान, मोहम्मद शाह-III, निजाम, सुल्तान अहमद शाह वली और सुल्तान महमूद शाह सहित उनके परिवार के सदस्यों की 14 कब्रें शामिल हैं."

एएसआई को नहीं दिया नोटिस 
नाम न बताने की शर्त पर वक्फ बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि "एएसआई को नोटिस नहीं दिए गए हैं. बोर्ड एएसआई को नोटिस कैसे जारी कर सकता है, जो कई दशकों से ऐतिहासिक स्मारकों का संरक्षक और रक्षक रहा है." उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड के नाम पर बहुत सी शरारतें और गलत सूचनाएं को फैलाया जा रहा है, जिससे मुस्लिम समुदाय का नाम खराब हो रहा है. 

किसानों से मुलाकात करेंगे जगदंबिका पाल
अधिकारी ने कहा, "जब से विवाद शुरू हुआ है, हमने सभी नोटिस वापस लेने का फैसला किया है, क्योंकि बहुत लंबे समय से जमीन पर बैठे लोगों को बेदखल करना इंसाफ के खिलाफ और गैरकानूनी होगा." इस बीच, वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल वक्फ बोर्ड की कार्रवाई से कथित रूप से प्रभावित किसानों से बातचीत करने के लिए 7 नवंबर को कर्नाटक के हुबली और विजयपुरा का दौरा करेंगे. यह प्रतिक्रिया भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या द्वारा पाल से विजयपुरा जिले के किसानों को गवाह के रूप में आमंत्रित करने के अनुरोध के कुछ दिनों बाद आई है, ताकि वक्फ बोर्ड के साथ उनके भूमि विवादों पर चर्चा की जा सके.

किसानों को मिलेगा जल्द इंसाफ 
"वक्फ पर जेपीसी के अध्यक्ष ने कहा कि "वक्फ की हिंसक कार्रवाई से प्रभावित किसानों से बातचीत करने के लिए 7 नवंबर को हुबली और बीजापुर (विजयपुरा) का दौरा करने के मेरे अनुरोध पर सहमति व्यक्त की है. अध्यक्ष किसान संगठनों, मठों से बातचीत करेंगे और उन्हें दी गई याचिकाओं को जेपीसी के समक्ष रखेंगे. 

कर्नाटक के सीएम ने दिया किसानों को भरोसा 
29 अक्टूबर को लिखे पत्र में सूर्या ने विजयपुरा जिले और आसपास के अन्य क्षेत्रों के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ अपनी हाल की बैठक का उल्लेख किया और पाल से कर्नाटक के इन क्षेत्रों का दौरा करने और शिकायतें प्राप्त करने तथा वक्फ बोर्ड की कार्रवाई से पीड़ित किसानों की सार्वजनिक सुनवाई करने का अनुरोध किया. उनके अनुसार, किसानों ने दावा किया है कि नोटिस भेजे जाने के अलावा, कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना कुछ भूमि पार्सल के लिए आरटीसी (अधिकार, किरायेदारी और फसलों का रिकॉर्ड), 'पहानी' और म्यूटेशन रजिस्टर में बदलाव किए गए हैं. विजयपुरा जिले के किसानों के एक वर्ग द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद कि उनकी जमीनों को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि उनमें से किसी को भी बेदखल नहीं किया जाएगा और उन्हें जारी किए गए नोटिस वापस ले लिए जाएंगे. 

 

Trending news