JNU Election Results: जेएनयू में चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं. लेफ्ट ने एक बेहतरीन जीत हासिल की है और एबीवीपी को एक भी सीट नहीं मिली है. यूनिवर्सिटी को 1996 के बाद पहला दलित नेता मिल गया है.
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JNU Election Results: एकजुट वामपंथियों ने रविवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी को हरा दिया और सभी चार केंद्रीय सीटों - अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव - पर जीत हासिल की. बिहार के पीएचडी छात्र धनंजय को जेएनयूएसयू का अध्यक्ष चुना गया है.
चार साल के लंबे अंतराल के बाद शुक्रवार को जेएनयूएसयू चुनाव हुए. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) जैसे वाम समर्थित समूहों ने आरएसएस समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ गठबंधन में चुनाव लड़ा. कुल 19 उम्मीदवारों ने जेएनयूएसयू के केंद्रीय पैनल में पदों के लिए चुनाव लड़ा, जिसमें अध्यक्ष पद के लिए आठ उम्मीदवार मैदान में थे.
धनंजय ने एबीवीपी के उमेश चंद्र अजमीरा को 922 वोटों से हराया. उपाध्यक्ष पद के लिए अविजीत घोष (बाएं) ने दीपिका शर्मा (एबीवीपी) को 927 वोटों से हराया. महासचिव पद के लिए प्रियांशी आर्य (बिरसा अंबेडकर फुले छात्र संघ, वाम दलों द्वारा समर्थित) ने अर्जुन आनंद (एबीवीपी) को 926 वोटों से हराया; जबकि संयुक्त सचिव पद के लिए मोहम्मद साजिद (बाएं) ने गोविंद डांगी (एबीवीपी) को 508 वोटों से हराया.
स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स से पीएचडी छात्र धनंजय बिहार के गया के मूल निवासी हैं. बत्ती लाल बैरवा के बाद धनंजय पहले दलित जेएनयूएसयू अध्यक्ष हैं, जिन्होंने 1996 में जीत हासिल की है. धनंजय ने पीटीआई-भाषा से कहा कि जेएनयूएसयू चुनावों में जीत नफरत और हिंसा की राजनीति के खिलाफ छात्रों का जनमत संग्रह है.
जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष के तौर पर परिसर में महिलाओं की सुरक्षा, फंड में कटौती, स्कॉलरशिप में बढ़ोतरी, बुनियादी ढांचा और जल संकट उनका मुख्य एजेंडा था. एबीवीपी की कड़ी चुनौती के बावजूद लेफ्ट का 4-0 से जीत हासिल करना ये दर्शाता है कि जेएनयू अभी भी लेफ्ट का गढ़ है. बता दें शुक्रवार को हुई वोटिंग में लेफ्ट ने 73 फीसद वोट टर्नआउट देखा.