J&K News: जिस थाली में खाया, किया उसी में छेद! PhD स्कॉलर नौजवानों को दे रहा था ट्रेनिंग
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J&K News: जिस थाली में खाया, किया उसी में छेद! PhD स्कॉलर नौजवानों को दे रहा था ट्रेनिंग

J&K News: ​ जम्मू कश्मीर से पुलिस ने एक पीएचडी स्कॉलर को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बहुत बड़ा आरोप लगया है. पीएचडी स्कॉलर नौजवानों के साथ ये काम करता था. 

 J&K News: जिस थाली में खाया, किया उसी में छेद! PhD स्कॉलर नौजवानों को दे रहा था ट्रेनिंग

J&K News: कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय के एक PhD स्कॉलर की गिरफ्तारी किया गया है. पुलिस ने बुधवार को कहा कि “उसने जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में एक आतंकवादी भर्ती मॉड्यूल का खुलासा किया है. मामले में हिजबुल मुजाहिदीन (HM) और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े दो आतंकवादी सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया था.”

एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, "कुलगाम पुलिस द्वारा एक पक्की सूचना पर कार्रवाई करते हुए, एक कोड-नाम वाले व्यक्ति डॉ. सबील की तलाश शुरू की गई. जो जिला कुलगाम और आसपास के इलाकों के भोले-भाले युवाओं को आतंकवादी रैंकों में भर्ती करने के लिए प्रेरित कर रहा था. वित्त पोषण कर रहा था और रसद सहायता कर रहा था."

उन्होंने कहा कि “संदिग्ध व्यक्ति का पता लगाने और उसकी तलाश के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं. काफी प्रयासों के बाद, एक संदिग्ध वाहन को पकड़ा गया. जब वाहन की पहचान की मांग की गई. तो यह सामने आया कि वाहन का इस्तेमाल कुलगाम के अशमुजी निवासी डॉ रुबानी बशीर द्वारा किया जा रहा था."

उन्होंने कहा कि अश्मुजी में एक चौकी स्थापित की गई और बशीर को पकड़ लिया गया. पूछताछ के दौरान, उसने अपना नाम डॉ. सबील बताया, जो कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय से PhD स्कॉलर है.  उसने वहां सहायक प्रोफेसर के रूप में नौकरी के लिए आवेदन भी किया है.”

पुलिस के प्रवक्ता ने कहा "डॉ. रुबानी बशीर और डॉ. सबील ने यह भी खुलासा किया कि वह अपने छात्र जीवन से ही जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) से जुड़े रहे हैं और वह 14 साल तक छात्र विंग इस्लामिक जमात-उल-तुलभा (आईजेटी) में इसके सदस्य रहे हैं. उनका मूल काम पर्दे के पीछे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों हिजबुल मुजाहिदीन और जैस-ए-मोहम्मद के लिए काम करना था. वह युवाओं की पहचान करते थे. उन्हें प्रेरित करते थे. उन्हें फंड देते थे और फिर उन्हें इसके लिए तैयार करते थे. आतंकवादी संगठनों में शामिल करते थे.”

यह भी पता चला कि बशीर ने दो युवाओं को प्रेरित किया और उन्हें आतंकवादी समूह में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता था. उन्होंने कहा, "डॉ रुबानी बशीर के खुलासे पर, हिजबुल मुजाहिदीन और जौश-ए-मोहम्मद से जुड़े दो आतंकवादी सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है. उनकी पहचान फाजिल अहमद पैरे और तारिक अहमद नायकू उर्फ चावला के रूप में की गई है."

उनके खुलासे पर, बशीर के पास से एक चीनी पिस्तौल, एक पिस्तौल मैगजीन और नौ 9 MM राउंड बरामद किए गए है. जबकि फाजिल अहमद पैरे के पास से एक एके-47 मैगजीन और 19 एके-47 राउंड बरामद किए गए है.

Zee Salaam

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