Islamic Knowledge: इस्लाम में बीवियों के हक के बारे में बताया गया है. इस्लाम कहता है कि अगर आपकी बीवी कमसिन है, तो उसके जज्बातों का ख्याल रखा करो. कमसिन बीवी तफरीह की शौकीन होती है.
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Islamic Knowledge: अक्सर मियां बीवी के झगड़ों की खबरें आती रहती हैं. इन झगड़ों की कई वजहें होती हैं. इन झगड़ों की एक अहम वजह जो सामने आई है वह यह है कि बीवी किसी बात की जिद कर लेती है और जब वह पूरी नहीं होती है तो इस पर झगड़ा हो जाता है. जानकार बताते हैं कि ऐसे झगड़े तब होते हैं जब कोई उम्रदराज शख्स कमसिन लड़की से शादी कर लेता है और उसकी ख्याहिशों का ख्याल नहीं रखता है. इस्लाम में इस बात का जिक्र है कि जब भी आप शादी करें, तो हर चीज में बराबरी होनी चाहिए. बराबरी से मुराद खूबसूरती में बराबरी, माल व दौलत में बराबरी, तालीम में बराबरी और उम्र में बराबरी. कई मामलों में लड़की की उम्र कम होती है और लड़के की उम्र ज्यादा होती है. ऐसे में इस्लाम कहता है कि अपनी कमसिन बीवी के जज्बात का ख्याल रखें.
बीवी के जज्बात का ख्याल
इस्लाम कहता है कि आपके बीवी के आप पर कई हक हैं, जिन्हें आपको अदा करने हैं. जैसे- जब आप खाएं तो उसे खिलाएं, आप अगर अच्छे लिबास पहनें तो उसे पहनाएं, उसके चेहरे पर न मारें, उसे बुरा भला या बदसूरत न कहें, अगर उससे उलग होना है तो घर में ही अलग हों और उसके जज्बात का ख्याल रखें.
इस्लाम कहता है कि औरत घर की मालकिन होती है, उसे इज्जत से रखना चाहिए. अगर औरत हद से निकलती नजर आए तो कुरान और हदीस में बताए गए तरीके से उसे समझाया जाए. औरत के साथ ज्यादती दीन और दुनिया दोनों की तबाही है.
इस्लाम कहता है कि आपकी बीवी की कोई आदत आपको पसंद न आए, तो उसे नजर अंदाज करें. उसकी जगह पर आपको उसकी कोई दूसरी आदत पसंद आए तो उससे मोहब्बत करें और जिंदगी को आगे बढ़ाएं.
औरतों को भी यही हिदायत दी गई है कि अगर मर्द की कोई आदत बुरी लगे, तो उसे नजरअंदाज करें. इसके बदले उसकी खूबियों पर नजर रखें.
कई जानकारों ने इस बात पर हैरानी जताई है कि जो शख्स अपनी बीवी से हमबिस्तरी का फायदा उठाने के लिए मजबूर है, तो वह अपनी बीवी कैसे मार सकता है. जो शख्स अपनी बीवी के साथ एक बार भी हमबिस्तरी कर चुका हो उसे चाहिए कि वह बीवी की गलतियों पर सजा देने की जगह पर उससे दरगुजर से काम ले.
इस्लाम इस बात को मानता है कि औरत के जज्बात उतने ही हैं जितने मर्द के. वह भी जिंदगी गुजारने के लिए गाड़ी का दूसरा पहिया है. ऐसे में औरत की अहमियत को जहन में रखते हुए उसके साथ सलूक किया जाए और उसके जज्बातों का ख्याल रखा जाए.
इस्लाम में एक जगह जिक्र है कि तुम अपनी बीवियों के साथ अच्छा सुलूक किया करो क्योंकि आपका जिनता उन पर अख्तियार है उतना ही उनका आप पर है.
बीवी के जज्बात पर हदीस
"हजरत आइशा रजि. कहती हैं कि मैंने नबी स. को इस हाल में देखा है कि आप अपनी चादर से आड़ कर लिया करते थे और मैं हब्शी लोगों को मस्जिद में करतब करते हुए देखती थी. आप स. उस वक्त तक अपनी चादर की आड़ किए रहते जब तक मैं खुद ऊब न जाती. तो ऐ लोगों अगर तुम कमसिन लड़की से शादी करो, तो उसके जज्बात और ख्वाहिशों का ख्याल रखो. कमसिन औरत खेल और तफरीह की शौकीन होती है."