यह मामला बंबई हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए सामने आया था, जिसमें अदालत ने आरोपी युवक को इस शर्त पर जमानत दे दी है कि अगर एक साल के अंदर युवती का पता चलता है, तो आरोपी को उससे शादी करनी होगी और उसके बच्चे को अपनाना होगा.
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मुंबईः बम्बई हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में 26-वर्षीय शख्स को इस शर्त पर जमानत दे दी है कि अगर दुष्कर्म पीड़िता का एक साल के अंदर पता चल जाएगा तो उस शख्स को उससे शादी करनी होगी. दरअसल, दुष्कर्म के बाद से पीड़ित लड़की पिछले एक साल से गायब है.
जस्टिस भारती डांगरे की सिंगल बेंच ने 12 अक्टूबर को पास अपने एक फैसले में कहा कि मुल्जिम एक साल के बाद इस शर्त के पालन के लिए बाध्य नहीं होगा. अदालत ने कहा कि मुल्जिम और 22 वर्षीय युवती के बीच सहमति से जिस्मानी संबंध बने थे. हालांकि, दुष्कर्म और धोखाधड़ी का मामला तब दर्ज किया गया जब युवती के गर्भवती हो जाने के बाद मुल्जिम ने उससे दूरियां बनाना शुरू कर दिया.
युवती के गर्भवती होने के बाद प्रेमी ने बना ली दूरी
दुष्कर्म पीड़ित द्वारा फरवरी 2020 में मुल्जिम के खिलाफ मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. अपनी शिकायत में युवती ने दावा किया था कि आरोपी के साथ 2018 से उसके रिश्ते थे, उनके परिवारों को भी इसकी जानकारी थी और उन्हें यह रिश्ता भी मंजूर था. लेकिन साल 2019 में युवती को पता चला कि वह गर्भवती है और उसने जब आरोपी को इस बारे में जानकारी दी, तो उसने पीड़िता से दूरी बना ली. युवती ने इसके बाद अपने पिता का घर छोड़ दिया, क्योंकि वह इस बारे में परिवार को नहीं बताना चाहती थी.
बच्चे को जन्म देकर उसे फेंकने के बाद गायब हो गई पीड़िता
पीड़ित युवती ने 27 जनवरी 2020 को शहर के एक अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया. 30 जनवरी को उसने बच्चे को एक बिल्डिंग के सामने फेंक दिया और वहां से भाग गई. इस संबंध में युवती के खिलाफ एक अलग से मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद से वह गायब है. उसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं है. हालांकि, पुलिस ने अदालत को सूचित किया है कि युवती के बच्चे को बाल देखभाल केंद्र में भर्ती कराया गया था, जिसे किसी ने गोद ले लिया है. जस्टिस डांगरे ने अपने आदेश में कहा कि न्याय की राह से युवती के बचने का यह एक संभावित कारण हो सकता है.
इस आधार पर हाई कोर्ट ने दी जमानत
उधर, आरोपी शख्स ने अदालत को भरोसा दिया है कि वह युवती से शादी करने और बच्चे को अपनाने के लिए तैयार है. कोर्ट ने कहा, ’’ऐसी परिस्थितियों में जब घटना की सूचना मिली थी, पीड़िता बालिग थी और उसने कहा था दोनों के बीच संबंध सहमति से बने थे.’’ जस्टिस डांगरे ने आदेश में कहा, ’’मैं इस शर्त के अनुपालन के तहत आवेदक को जमानत पर रिहा करना उचित समझती हूं कि अगर एक साल के अंदर पीड़िता मिल जाती है तो आरोपी को उसके साथ शादी करनी होगी, लेकिन एक साल बाद वह विवाह के लिए बाध्य नहीं होगा.’’ अदालत ने आरोपी को 25,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी है.
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