Goa Murder Case: गोवा पुलिस के अनुसार यह एक पहले से सोचा समझा हुआ प्री-प्लान्ड हत्या का मामला है. लेकिन अपने चार साल के बेटे की कथित तौर पर हत्या करने वाली 39 वर्षीय महिला सूचना सेठ का दावा है कि उसने अपने बेटे की हत्या नहीं की है.
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सूचना सेठ मामला: द माइंडफुल एआई लैब की सीईओ, सूचना सेठ, जिन्हें एक चौंकाने वाली घटना में अपने 4 साल के बेटे की कथित तौर पर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मंगलवार को हुए पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट के अनुसार सूचना ने गला घोंटकर अपने बेटे को मार डाला था. यह दिल देहला देने वाली घटना गोवा के एक सर्विस अपार्टमेंट में हुई थी. सूचना सेठ को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में सोमवार को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह गोवा से बेंगलुरु जा रही थीं. यह गिरफ्तारी गोवा पुलिस के निर्देश के बाद की गई.सूचना के पास से मिले सूटकेस में बच्चे का शव मिला था. पुलिस सूत्रों ने आज यानि बुधवार को बताया कि 39 वर्षीय सूचना पुलिस को जांच में सहयोग नहीं कर रही है. गोवा पुलिस ने कहा, "उसका दावा है कि उसने हत्या नहीं की.
सोचा समझा प्री-प्लान्ड मर्डर है
पुलिस ने बुधवार को बताया कि चार साल के बच्चे की हत्या उसकी मां सूचना सेठ ने सोच समझ कर योजनाबद्ध तरीके से की थी. उन्होंने यह भी कहा कि सूचना के कमरे से कुछ खाली कफ सिरप की बोतलें भी मिलीं. गोवा पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, कमरे से दो कफ सिरप की बोतलें पुलिस के हाथ लगी जिसमे से एक बोतल सूचना द्वारा लाई गई थी, जबकि दूसरी उसके अनुरोध पर होटल के स्टाफ द्वारा उसे प्रदान की गई थी.
पुलिस का यह भी मानना है कि कफ सिरप मिलने से पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट को और बल मिलेगा. रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि बच्चे के शरीर पर कोई संघर्ष के निशान नहीं थे. पुलिस का यह भी कहना है की सूचना जांच में सहयोग नही कर रही हैंऔर बार बार एक ही दावा कर रही हैं कि उसने अपने बेटे की हत्या नही की. सूत्रों ने यह भी कहा कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रही है और दावा किया है कि उसने हत्या नहीं की है. हिरियुर तालुक अस्पताल के अधिकारी डॉ. कुमार नाइक का कहना है कि सूचना ने अपने बेटे की गला घोंटकर हत्या कर दी. डॉक्टर ने अपनी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि गला घोटने के लिए "या तो कपड़े या तकिए का इस्तेमाल किया गया था.ऐसा नहीं लग रहा है कि बच्चे का हाथों से गला घोंटा गया था. ऐसा लग रहा है कि तकिये या किसी अन्य सामग्री का इस्तेमाल किया गया था".
उन्होंने यह भी कहा कि, "बच्चे में रिगॉर मोर्टिस ठीक हो गया था. आमतौर पर भारत में, रिगॉर मोर्टिस 36 घंटों के बाद ठीक हो जाता है, लेकिन इस बच्चे के मामले में, कोई रिगॉर मोर्टिस नहीं था. इसलिए, उसकी मृत्यु को 36 घंटे से अधिक समय हो गया है. शरीर पर कोई खून की कमी या संघर्ष का निशान भी नहीं था"
आपको बता दें रिगॉर मोर्टिस एक पोस्टमॉर्टम परिवर्तन है जिसके परिणामस्वरूप शरीर की मांसपेशियों में उनके मायोफिब्रिल्स में रासायनिक परिवर्तन के कारण अकड़न हो जाती है. रिगोर मोर्टिस मृत्यु के बाद के समय का अनुमान लगाने में मदद करता है और साथ ही यह पता लगाने में भी मदद करता है कि क्या मृत्यु के बाद शरीर को इधर-उधर किया गया था या नही.
पिता की हुई इंडिया वापसी
पुलिस ने PTI को बताते हुए कहा कि को गोवा में अपनी मां द्वारा मारे गए चार साल के बच्चे के पिता अपने बच्चे की हत्या के बारे में जानने के बाद मंगलवार शाम को जकार्ता से इंडिया वापस आगए. पुलिस ने बताया कि वेंकट रमन नाम का व्यक्ति कर्नाटक के चित्रदुर्ग पहुंचा और स्थानीय अधिकारियों को अपने बेटे के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए अपनी सहमति दी. शुरुआती जांच के अनुसार सूचना और उसके पति वेंकट रमन ने तलाक के लिए अर्जी दी थी. सूचना मुख्य तौर पर अदालत के उस आदेश से नाखुश थी जिसमें उसके अलग हो रहे पति को हर रविवार को अपने बेटे से मिलने की इजाजत दी गई थी. पुलिस ने यह भी कहा कि जब अपराध हुआ तब सूचना के पति देश में नहीं थे.
सूचना ने अपने पति पर उनका और बच्चे का शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है. अपने दावे को साबित करने के लिए उसने व्हाट्सएप मेसेज और मेडिकल रिकॉर्डस भी पेश किए. हालांकि सेठ के पति ने अपने खिलाफ आरोपों से इनकार किया, लेकिन कोर्ट ने वेंकट रमन को विशिष्ट दिनों के अलावा अपनी पत्नी या बच्चे के साथ बातचीत करने से मना कर दिया था. रमन को अपने बेटे से साप्ताहिक मुलाक़ात के अधिकार दिए गए जो सूचना को बिलकुल पसंद नही आया था. पुलिस अधिकारियों ने यह भी सुझाव दिया है कि कोर्ट का यह आदेश भी हत्या के पीछे का मुख्य कारण हो सकता है.
बेटे की हत्या के बाद आत्महत्या करने की कोशिश
पुलिस के मुताबिक सुचना ने अपनी बायीं कलाई काटकर आत्महत्या करने की कोशिश भी की. जांच के बाद, पुलिस ने कहा कि सूचना ने अपना मन बदल लिया और अपने बेटे के शव को एक टूरिस्ट कैब में एक बैग में भरकर बेंगलुरु के लिए रवाना हो गईं, जिसकी कीमत 30,000 रुपये थी.