Abdullah Azam: रामपुर की मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की ज़मीन से जुड़े एक मामले में सपा नेता और पूर्व सांसद आज़म खान के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आज़म को एमपी एमएलए कोर्ट ने जमानत दे दी है. अब वो जल्द ही जेल से बाहर आ सकते हैं.
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रामपुर: सपा नेता और पूर्व सांसद आज़म खान के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आज़म को शत्रु संपत्ति मामले में एमपी एमएलए कोर्ट से जमानत मिल गयी है. अब्दुल्ला आज़म के वकील ज़ुबैर अहमद ने कहा कि सभी मुकदमो में हो गई है जमानत,. अब जेल से बाहर आ सकते हैं अब्दुल्ला आज़म. इस वक़्त वो हरदोई जेल में बंद हैं. सूत्रों के मुताबिक, अब्दुल्ला आजम की जमानत अर्जी पर एक दिन पहले 17 फरवरी को सुनवाई हुई थी, जिसमें अब्दुल्ला आजम के वकील ने दलील दी थी कि उनके वादी के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं हैं. पुलिस ने सह-अभियुक्त के बयान पर उहें इस मामले में जबरन फंसाया है. स केस के अलावा भी अब्दुल्ला आज़म पर कई मुक़दमे दर्ज हैं.
वहीँ, अब्दुल्लाह आज़म के पिता आज़म खान की बात करें तो इस वक़्त वह सीतापुर जेल में बंद है, जबकि उनकी पत्नी और पूर्व सांसद तंजील फातिमा अभी ज़मानत पर जेल से बाहर हैं. आजम खान पर १०० से ज्यादा मुक़दमे दर्ज है, जिसमें किताब और बकरी चोरी तक के मामले शामिल हैं. हालांकि, इनमें से लगभग 75 से ज्यादा मामलों में आज़म खान को ज़मानत मिल चुकी है. आज़म खान अपने ऊपर दर्ज सभी मामलों को सियासी प्रतिद्विन्दता का परिणाम मानते हैं, और इसके लिए उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को कसूरवार मानते हैं.
दरअसल, अब्दुल्ला आज़म का ये मामला मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की ज़मीन से जुड़ा हुआ है. यह ज़मीन इमामुद्दीन कुरैशी पुत्र बदरुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी. इमामुद्दीन कुरैशी 1947- 48 में भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे, और यह जायदाद शत्रु संपत्ति के रूप में सन 2006 में भारत सरकार के खाते में दर्ज कर ली गई थी. रिकार्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की जानिब से सिविल लाइंस थाने में नौ मई 2020 को लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद व अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 218, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने का इलज़ाम लगा था. इस मामले में अब्दुल्ला आज़म भी आरोपी बनाए गए थे. इसी मामले में सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खां ने पिछले दिनों एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी, लेकिन, खुद जमानत याचिका वापस ले ली थी.