Assam Urs: असम में शिवसागर ज़िले में मौजूद सबसे बड़ी दरगाह 'अज़ान पीर' में सालाना उर्स का समापन हो गया.हज़रत अज़ान पीर दरगाह शरीफ़ में तीन रोज़ा उर्स मुबारक बड़ी ही अक़ीदत और धूमधाम से मनाया गया. उर्स के मौक़े पर हज़ारों की तादाद में ज़ायरीन ने अपनी हाज़िरी दर्ज कराई.
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Azan Pir Dargah Urs: असम में शिवसागर ज़िले में मौजूद सबसे बड़ी दरगाह 'अज़ान पीर' में सालाना उर्स का समापन हो गया. ये दरगाह 'अज़ान फ़क़ीर' के नाम से भी मशहूर थे. उर्स के आख़िरी दिन अज़ान पीर दरगाह में सभी धर्मों के लोग हाज़िरी देने के लिए पहुंचें. हज़रत अज़ान पीर दरगाह शरीफ़ में तीन रोज़ा उर्स मुबारक बड़ी ही अक़ीदत और धूमधाम से मनाया गया. उर्स के मौक़े पर दरगाह में हिंदू समुदाय की ओर से 401 दीए जलाए गए. हर साल की तरह इस साल भी उर्स के मौक़े पर हिंदू समुदाय के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते नज़र आए.
आपसी भाईचारे की दुआ
अज़ान पीर दरगाह शरीफ़ शिवसागर ज़िले के खारा गुरी छापरी में स्थित है. इस दरगाह के आस-पास ज़्यादातर हिंदू समुदाय के लोग रहते हैं. उर्स के मौक़े पर सुबह ही हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दरगाह पर हाज़िरी दी और उर्स के प्रोग्राम में शिरकत की. इस मौक़े पर भारत समेत पूरे विश्व में आपसी भाईचारे और शांति के लिए दुआ की गई. दुआ में हज़ारों की तादाद में ज़ायरीन शामिल हुए. शिवसागर की सबसे बड़ी दरगाह पर असम के अलावा कई ज़िलों के ज़ायरीन ने शिरकत की और दुआ में शामिल हुए. इस दौरान लोगों ने बताया कि हमें दरगाह में आने पर काफ़ी सुकून मिलता है.
आख़िरी दिन लंगर तक़सीम
ख़ुसूसी दुआ के बाद लंगर तक़सीम किया गया. अज़ान पीर दरगाह में बड़ी तादाद में हिंदू ज़ायरीन के साथ-साथ मुस्लिम अक़ीदतमंदों ने नज़राना पेश किया. बता दें कि यह दरगाह असम की ऐतिहासिक दरगाहों में शामिल है. यहां से पूरी दुनिया में भाईचारे और इत्तेहाद का पैग़ाम पहु्ंचाया जाता है. दरगाह शरीफ़ की साफ़-सफ़ाई करने और ख़िदमत करने वाले ही लोग सिर्फ़ मुस्लिम समुदाय से ही ताल्लुक़ नहीं रखते हैं बल्कि हिंदू समुदाय के लोग भी बड़ी ही अक़ीदत व एहतेराम से दरगाह की साफ़-सफ़ाई और देखभाल का काम करते हैं
Report: Sharifuddin Ahmed
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