Qatar Emir Visits India: कतर के अमीर दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत आए हैं. उनके साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें मंत्री, सीनियर अधिकारी और एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल शामिल है. इससे पहले वे मार्च 2015 में राजकीय दौरे पर भारत आए थे.
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Qatar Emir Visits India: सभी प्रोटोकॉल तोड़कर पीएम मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी का दिल्ली एयरपोर्ट पर स्वागत किया. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से गर्मजोशी से मुलाकात की. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "अपने भाई, कतर के अमीर महामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे पर गया. भारत में उनके सफल प्रवास की कामना करता हूं और मंगलवार को होने वाली हमारी मुलाकात की प्रतीक्षा कर रहा हूं."
Went to the airport to welcome my brother, Amir of Qatar H.H. Sheikh Tamim Bin Hamad Al Thani. Wishing him a fruitful stay in India and looking forward to our meeting tomorrow.@TamimBinHamad pic.twitter.com/seReF2N26V
— Narendra Modi (@narendramodi) February 17, 2025
इससे पहले कब आए थे कतर के अमीर
कतर के अमीर दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत आए हैं. उनके साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें मंत्री, सीनियर अधिकारी और एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल शामिल है. इससे पहले वे मार्च 2015 में राजकीय दौरे पर भारत आए थे. कतर के अमीर का 18 फरवरी को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया जाएगा. अपनी यात्रा के दौरान अमीर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ मुलाकात करेंगे। साथ ही राष्ट्रपति मुर्मू उनके सम्मान में भोज का आयोजन करेंगी.
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
वहीं, कतर के अमीर प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे. भारत और कतर के बीच मैत्री, विश्वास और पारस्परिक सम्मान के गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं. हाल के सालों में दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों के बीच संबंध लगातार मजबूत हुए हैं.
साल 2024 में बड़ा समझौता
साल 2024 में भारत और कतर से बीच एक बड़ा समझौता हुआ था. यह समझौता अगले 20 सालों के लिए थी और इसकी कुल लागत 78 अरब डॉलर था. इस डील के तहत भारत कतर से साल 2048 तक तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) खरीदेगा. भारत की सबसे बड़ी एलएनजी आयातक कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (पीएलएल) ने कतर की सरकारी कंपनी कतर एनर्जी के साथ यह समझौता किया था. इस समझौते के तहत कतर हर साल भारत को 7.5 मिलियन टन गैस निर्यात करेगा. इस गैस का इस्तेमाल बिजली, उर्वरक बनाने और उसे सीएनजी में बदलने में किया जाता है.