IAEA on Iran Nuclear Deal: ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर अपने पिछले कार्यकाल के दौरान विश्व शक्तियों के साथ ईरान के परमाणु समझौते से अमेरिका को एकतरफा रूप से हटा लिया था. अब ट्रंप की वापसी से इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी के चीफ चिंतित हैं.
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IAEA on Iran Nuclear Deal: ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को लगातार आगे बढ़ा रहा है. जिससे इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी चिंतित है. IAEA ने चेतावनी दी है कि ईरान के बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत और कूटनीति की गुंजाइश कम होती जा रही है. क्योंकि मिडिल ईस्ट में युद्ध जारी है और डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति इलेक्शन जीतने के बाद व्हाइट हाउस में वापस आ रहे हैं. वहीं, ईरान ने अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है.
ईरान का दौरा करेंगे IAEA के चीफ
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी चीफ राफेल मारियानो ग्रॉसी ईरान के परमाणु कार्यक्रम तक अपने निरीक्षकों की पहुंच बहाल करने और इस पर अब भी लंबित सवालों के जवाब की कोशिश में तेहरान का दौरा कर रहे हैं. उनकी पिछली यात्राओं के दौरान उन्हें सीमित सफलता मिली थी.
अमेरिका के इस कदम से परमाणु समझौते को लगा था बड़ा झटका
दरअसल, ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर अपने पिछले कार्यकाल के दौरान विश्व शक्तियों के साथ इस्लामिक गणराज्य के परमाणु समझौते से अमेरिका को एकतरफा रूप से हटा लिया था. हालांकि, ग्रॉसी और उनके ईरानी समकक्ष मोहम्मद इस्लामी द्वारा संवाददाता सम्मेलन में की गई टिप्पणियों से पता चलता है कि अब भी काफी अंतर मौजूद हैं.
परमाणु समझौते की कम हो रही है गुंजाइश
साल 2018 में समझौते के टूटने के बाद से ईरान ने अपने कार्यक्रम को लेकर किसी भी सीमा का पालन करना छोड़ दिया है और यूरेनियम को 60 फीसद शुद्धता तक संवर्धन किया है जो हथियार बनाने के लिए 90 फीसद के स्तर के करीब है. ग्रॉसी ने कहा कि आईएईए और ईरान के बीच बातचीत जारी है. उन्होंने कहा, “तथ्य यह है कि अंतरराष्ट्रीय तनाव और क्षेत्रीय तनाव मौजूद हैं. इससे पता चलता है कि बातचीत और कूटनीति के लिए गुंजाइश बढ़ नहीं रही है, बल्कि कम होती जा रही है.”
ईरान ने दी चेतावनी
ग्रॉसी ने ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची से मुलाकात की, जिन्होंने बाद में ‘एक्स’ पर लिखा “सहयोग और बातचीत के जरिए मतभेदों को सुलझाया जा सकता है.” हालांकि कुछ देश आईएईए के ‘बोर्ड ऑफ गवर्नर’ की आगामी बैठक में ईरान के खिलाफ कार्रवाई करने पर जोर दे रहे हैं. वहीं, ईरान ने कहा, “हमने बार-बार कहा है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के परमाणु मामलों में हस्तक्षेप करने के किसी भी प्रस्ताव के बाद निश्चित रूप से तत्काल पारस्परिक कदम उठाए जाएंगे और हम उन्हें इस तरह का दबाव डालने की इजाजत नहीं देंगे.”