Uttarakhand Madrasa News: उत्तराखंड में आलिम और फाजिल की डिग्रियां गैर कानूनी हो गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें असंवैधानिक करार दिया है. मदरसा बोर्ड ने कहा है कि अब इन कोर्स में एडमिशन नहीं दिया जाएगा. जिन्होंने एडमिशन ले लिया है उनकी फीस वापस की जाएगी.
Trending Photos
Uttarakhand Madrasa News: उत्तराखंड सरकार मदरसों के खिलाफ सख्त है. हाल ही में सरकार के आदेश पर यहां कई गैरकानूनी मदरसे ढूंढे गए. अब सुप्रीम कोर्ट ने मदरसों में कामिल-फाजिल कोर्स बंद कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश के मामले की सुनवाई कर रहा था, तभी उसने आदेश दिया कि मदरसा बोर्ड से दी जा रही UG और PG डिग्रियां असंवैधानिक और UGC के नियमों के खिलाफ हैं. अदालत का मत है कि UG और PG की डिग्रियां किसी यूनिवर्सिटी से ही दी जा सकती हैं.
बोर्ड ने कही आदेश मानने की बात
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने की बात कही है. इस तरह से अब उत्तराखंड में आलिम और फाजिल की डिग्री नहीं दी जा सकेगी. मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि कामिल फाजिल कोर्स के परीक्षा फार्म नहीं भरवाए जाएंगे. जिन लोगों ने अब तक फॉर्म भर दिया है उनकी फीस वापस की जाएगी. उत्तराखंड मदरसा बोर्ड में टोटल 415 मदरसे रजिस्टर्ड हैं. इसमें 46 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं.
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में मदरसों की क्यों होगी जांच? मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने किया सबकुछ क्लियर
क्या है आलिम और फाजिल डिग्रियां?
आपको बता दें कि मदरसा बोर्ड से मिलने वाली कामिल डिग्री को ग्रेजुएन (UG) और फाजिल डिग्री को पोस्ट ग्रेजुएट (PG) डिग्री के बराबर माना जाता है. इसके अलावा तहतानिया (प्रागइमरी), फौकानिया (जूनियर हाई स्कूल), आलिया (हायर सेकेंड्री) के बराबर मान्यता दी जाती है. आलिया स्तर के मदरसों में कामिल और फाजिल की डिग्री दी जाती है.
डिग्रियों को किया जाएगा वैध
जमीयत उलेमाए हिंद जिलाअध्यक्ष मौलाना अब्दुल मन्नान कासमी ने आलिम और फाजिल डिग्रियों को वैध कराने के लिए नया विचार दिया है. उन्होंने कहा है कि इन दोनों को कोर्सों को बंद करने से बेहतर है कि इन्हें बिहार की तर्ज पर किसी यूनिवर्सिटी से एफिलिएट कराया जाए. वहीं मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा है कि "आचार संहिता के बाद बोर्ड की बैठक बुलाकर परीक्षा फार्म की तारीख बढ़ाने पर फैसला लेंगे."