Budget For Minority: आम बजट में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को इस बार ₹3,350 करोड़ आवंटित किए गए हैं. इसमें ₹678.03 करोड़ पढ़ाई के लिए और ₹1237.32 करोड़ अल्पसंख्यकों के लिए स्कीम पर खर्च किए जाने हैं.
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Budget For Minority: भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते कल संसद में वित्तीय साल 2025-26 का बजट पेश कर दिया है. केंद्रीय बजट में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को ₹3,350 करोड़ आवंटित किए गए हैं. ये रकम पिछले साल के बजट अनुमान से ₹166 करोड़ ज्यादा है. इसके अलावा 2024-25 के संशोधित अनुमान से ₹1,481 करोड़ ज्यादा है.
पिछले साल मिले थे ₹3183.28 करोड़
इससे पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को ₹3183.24 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. लेकिन संशोधित अनुमान ₹1,868.18 करोड़ रहा, जो खर्च में अहम कमी को दर्शाता है. हालांकि इस साल मंत्रालय को जो आवंटन किया गया है, उससे लगता है कि अल्पसंख्यक कल्याण प्रोग्रामों पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
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अल्पसंख्यकों के लिए स्कीम पर जोर
अल्पसंख्यक बच्चों की पढ़ाई को बेहतर करने के लिए ₹678.03 करोड़ का प्रावधान किया गया है. पिछले साल ये रकम 1,575.72 करोड़ रुपये थी. इसके अलावा ₹1237.32 करोड़ रुपये मंत्रालय की अहम स्कीमों के लिए दिए गए हैं. इन स्कीमों का मकसद सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार लाना और एक तरह के मौके पैदा करना है.
मुसलमानों को क्या मिला?
सरकार ने 1913.98 करोड़ रुपये 'अंब्रेला प्रोग्राम डेवलपमेंट ऑफ मिनिस्ट्रीज' के लिए आवंटित किए हैं. इसके तहत अल्पसंख्यकों के विकास के लिए सभी तरह की पहल हैं. चूंकि देश में मुसलमान अल्पसंख्यक हैं इसलिए अल्पसंख्यकों को दिए जाने वाले बजट में मुसलमानों का हिस्सा है. अल्पसंख्यकों को दिए जाने वाले बजट में बढ़ोतरी अल्पसंख्यक-केंद्रित प्रोग्रामों को बढ़ाने की कोशिश की तरफ इशारा करती है, हालांकि इन निधियों की प्रभावशीलता उनके सही इस्तेमाल और कार्यान्वयन पर निर्भर करेगी.