Bahraich Violence: उत्तर प्रदेश के जिला बहराईच में हुई हिंसा को अब तक तीन महीने हो चुके हैं. पुलिस हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर रही है. इसी बुनियाद पर पुलिस ने यहां से 2 मुस्लिम लोगों को गिरफ्तार किया है.
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Bahraich Violence: उत्तर प्रदेश के जिला बहराइच में बीते साल 13 अक्टूबर को दुर्गा पूजा के दौरान महराजगंज बाजार में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में दो और मुल्जिमों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए लोगों पर आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट आदि करने के संगीन इल्जाम हैं. इसकी तस्दीक तमाम इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के बिना पर हुई है. पुलिस ने बताया कि मुल्जिमों की पहचान महाराजगंज कस्बे के रहने वाले फेरू उर्फ शेरू और शरीफ के बतौर हुई है. गिरफ्तार हुए शख्स मुस्लिम बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं.
बहराईच में हिंसा
आपको बता दें कि जिला बहराइच के महसी महाराजगंज में 13 अक्टूबर को दुर्गा विसर्जन के लिए रैली जा रही थी. इस दौरान डीजे बजाने को लेकर विवाद हुआ. इसी दौरान गोपाल मिश्रा नाम के शख्स सरफराज के घर पर चढ़ गए और वहां इस्लामी झंडा निकाल कर भगवा झंडा लहरा दिया. इसके बाद उनकी गोली लगने से मौत हो गई. इसके बाद महसी महाराजगंज में हिंसा फैल गई. इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया. कई दिनों तक इंटरनेट बंद रहा. हिंसा के बाद पुलिस ने कार्रवाई कर तकरीबन 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया. ये गिरफ्तारियां अभी भी जारी हैं.
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इस तरह हुआ विवाद
पुलिस के मुताबिक महसी महाराजगंज में विवाद तब बढ़ा जब डीजे पर भड़काऊ गाने बजाए जाने लगे. इस पर मुसलमानों ने आपत्ति जताई. आस पास के लोगों ने बताया कि विवाद तब बढ़ा जब हिंदू पक्ष के लोग डीजे बंद करने के लिए राजी नहीं हुए. इसके बाद मुस्लिम लोगों ने डीजे के तार निकाल दिए. इसके बाद विवाद बढ़ा.
पुलिस ने दी चेतावनी
जिस जगह पर हिंसा हुई वह इलाका महसी महाराजगंज बहराइच से 30 किलोमीटर की दूरी पर है. बहराईच हिंसा के दौरान कई लोगों ने फर्जी वीडियो प्रसारित करने शुरू कर दिए. इस पर पुलिस ने अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने कहा कि "सांप्रदायिक घटनाओं से जुड़े हुए भ्रामक और झूठे तथ्य कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स पर ग़लत तरीक़े से प्रसारित किए जा रहे हैं. ऐसे सभी अकाउंट्स के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाएगी."